पद रहे या नहीं रहे, अंतिम सांस तक सेवा करता रहूंगा : गहलोत
चुनाव में हार जीत तो होती रहती है
विधानसभा चुनाव परिणाम आने के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीसीसी वॉर रूम पहुंचे। वॉर रूम में कांग्रेस पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, शकील अहमद, मुकुल वासनिक, भूपेन्द्र हुड्डा, पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के साथ गहलोत ने परिणामों पर मंथन किया।
जयपुर। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पीसीसी वॉर रूम पहुंचे। वॉर रूम में कांग्रेस पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, शकील अहमद, मुकुल वासनिक, भूपेन्द्र हुड्डा, पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के साथ गहलोत ने परिणामों पर मंथन किया। इसके बाद शाम को अपनी इस्तीफा देने के लिए राजभवन रवाना हुए। वॉर रूम पर मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि जनता माई बाप है और जनता के फैसले का स्वागत है। अंतिम सांस तक प्रदेशवासियों की सेवा करता रहूंगा। चुनाव में हार जीत होती रहती है। मैंने पहले ही यह बात कह दी थी कि जनता को जो भी फैसला आएगा, हम उसे स्वीकार करेंगे। हमारी योजना शानदार थी। जो नतीजा है उस पर हम विश्लेषण करेंगे। हमें छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी सरकार बनने की उम्मीद थी, लेकिन अब तीन राज्यों के परिणामों का हम परीक्षण करेंगे कि क्या कारण रहे। टिकट वितरण में नए चेहरों को मौका नहीं दिए जाने के सवाल पर कहा कि हम भी ज्यादा से ज्यादा टिकट देना चाहते थे, लेकिन कुछ मजबूरियां रही होंगी। युवाओं की बात होती तो छत्तीसगढ़ और एमपी में भी हमारे पक्ष में वोट नहीं मिले, इसलिए यह कहना कि नहीं चेहरे होते तो जीत सकते थे, यह गलत बात है।
अब खुद की भूमिका के सवाल पर कहा कि पहले भी कह चुका हूं कि पद पर रहूं या नहीं रहूं, अंतिम सांस तक काम करता रहूंगा। प्रदेशवासियों के बीच रहकर उनकी सेवा करता रहूंगा। इंडिया गठबंधन पर इन नतीजों का असर पड़ने के सवाल पर कहा कि इस तरह के नतीजों का असर तो पड़ता ही है। आगे इस बारे में देखेंगे। हमें इन नतीजों से निराश नहीं होकर लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए। कार्यकर्ताओं से भी कहना चाहूंगा कि चुनाव में हार जीत होती रहती है। हम लोग अच्छा काम कर रहे थे, लेकिन मोदी-शाह और सात राज्यों के सीएम ने आकर मुझ पर धाबा बोल दिया था। उनकी भाषा नफरत और दंगे फैलानी वाली थी। जनता का
जनादेश स्वीकार करते हैं : गहलोत
निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जनता की ओर से दिए गए जनादेश को हम विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं। यह सभी के लिए एक अप्रत्याशित परिणाम है। यह हार दिखाती है कि हम अपनी योजनाओं, कानूनों और नवाचारों को जनता तक पहुंचाने में पूरी तरह कामयाब नहीं रहे। मैं नई सरकार को शुभकामनाएं देता हूं। मेरी उनको सलाह है कि हम काम करने के बावजूद कामयाब नहीं हुए इसका मतलब ये नहीं कि वो सरकार में आने के बाद काम ही ना करें। ओपीएस, चिरंजीवी सहित तमाम योजनाएं एवं जो विकास की रफ्तार इन पांच सालों में राजस्थान को हमने दी हैं वो इसे आगे बढ़ाएं। मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस चुनाव में पूरी मेहनत की और सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने हमारे ऊपर विश्वास किया।

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