लोकसभा चुनाव में भजनलाल सरकार को घेरेगी कांग्रेस
रणनीति आजमाने के लिए स्थानीय नेताओं से सुझाव मांगे
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व सीएम अशोक गहलोत इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर मशक्कत करने में जुटे हुए हैं।
ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी राजस्थान कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दों के अलावा भजन लाल सरकार के खिलाफ भी मुद्दों को उठाएगी। सीटों के अनुसार क्षेत्रीय मुद्दों पर हमला बोलने की रणनीति आजमाने के लिए स्थानीय नेताओं से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इसी बीच कुछ दिग्गज कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़कर पाला बदलने की खबरों ने कांग्रेस थिंक टैंक की टेंशन बढ़ा दी है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व सीएम अशोक गहलोत इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर मशक्कत करने में जुटे हुए हैं। पिछले दो बार से खाता नहीं खोल पा रही कांग्रेस इस बार एक दर्जन से अधिक सीटों पर मजबूत रणनीति बनाने में जुटी हुई है। रणनीति में मजबूत प्रत्याशियों के अलावा राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के मुद्दे भी तलाशे जा रहे हैं। इस बार कांग्रेस राजस्थान लोकसभा की 25 सीटों के लिए प्रचार की बनाई जा रही रणनीति में भजन लाल सरकार को भी घेर सकती है। इसमें विधानसभा चुनाव के समय किए वादे और कांग्रेस के समय लगाए आरोपों पर जबाव मांगना शामिल होगा। केन्द्रीय स्तर के मुद्दों में महंगाई, बेरोजगारी, जातिगत जनगणना, अग्निपथ योजना जैसे मुद्दे शामिल होंगे।
पाला बदलने की खबरों ने बढ़ाई चिंता
लोकसभा चुनाव की रणनीति में स्थानीय मुद्दों पर घेरने के लिए लोकसभा सीटवार नेताओं से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इसी बीच कई दिग्गज कांग्रेस नेताओं के भाजपा के संपर्क में होने और पाला बदलने की खबरें पार्टी नेताओं को मिल रही हैं। पार्टी रणनीतिकारों को चिंता है कि ये नेता अगर पाला बदलकर चले गए तो स्थानीय मुद्दों की रणनीति को सफल करना मुश्किल हो जाएगा। खासतौर पर आदिवासी अंचल में वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को लेकर चिंता बनी हुई है। इसके अलावा लालचंद कटारिया, उदयलाल आंजना, रिछपाल मिर्धा जैसे नामों की भी चर्चा से कई सीटों पर समीकरण बिगड़ने के आसार नजर आ रहे हैं।
दिल्ली आलाकमान भी ले रहा रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के पाला बदलने से प्रभावित हो रही चुनावी रणनीति पर कांग्रेस आलाकमान भी निगाहें बनाए हुए हैं। रंधावा, डोटासरा, जूली और गहलोत के जरिए भी दिल्ली ने अब तक की गतिविधियों की रिपोर्ट ली है। गहलोत और डोटासरा को नेताओं को साधने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। दोनों लगातार नेताओं से मुलाकात कर डेमेज कंट्रोल करने में जुटे हुए हैं।
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