अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष 2 : सीखने की कोई उम्र नहीं होती, चाह लो तो सब आसान

परिवार, दफ्तर और क्लाइंट को संभालना महिला के बाएं हाथ का खेल

अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष 2 : सीखने की कोई उम्र नहीं होती, चाह लो तो सब आसान

नवज्योति की खास श्रृंखला में आज पेश है कोटा की पेशेवर महिलाएं जिन्होंने घर के सारे दायित्वों को पूरा करने के साथ ही साथ अपने पेशे को भी निखारा।

कोटा। देश की आधी आबादी जो आज के दौर में घर को सम्भालने के साथ देश को भी सम्भाल रही हैं। कहते हैं शारीरिक बल भले ही पुरुषों में ज्यादा हो लेकिन मानसिक रुप से क्षमता की बात आए तो महिलाओं को ही श्रेष्ठ माना जाता है। क्योंकि सरकारी दफ्तरों, कार्यालयों और विभागों में तो भारतीय महिलाएं अपनी काबिलियत दिखा ही रही हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां महिलाएं अपना लौहा मनवा रही हैं। ब्यूटीशियन से लेकर इंजीनियरिंग तक हर क्षेत्र में महिलाएं तमाम जिम्मेदारियों को निभाते हुए बड़ा नाम कर रही हैं। नवज्योति की खास श्रृंखला में आज पेश है कोटा की पेशेवर महिलाएं जिन्होंने घर के सारे दायित्वों को पूरा करने के साथ ही साथ अपने पेशे को भी निखारा।

शादी के 15 साल बाद किया सीए का कोर्स
कहावत है कि कुछ करने की ठान लो तो सारी कायनात उसे पूरा करने में लग जाती है। ऐसी ही कहानी है चार्टेड अकाउंटेंट अंजली जैन की जिन्होंने ऐसे समय सीए का कोर्स किया जब कोई करने की भी शायद ही सोचे। अंजली की पढ़ाई तो आर्ट्स संकाय में पूरी हुई लेकिन शादी के बाद जब पति को चार्टेड अकाउंटेंट का काम देखा तो उन्हें भी इसकी ललक जगी। शादी को 15 साल हो चुके थे उम्र भी काफी हो चुकी थी लेकिन बावजूद इसके अंजली अपने पति की सहायता से सीए कोर्स की तैयारी में जुट गई। कोर्स पूरा अंजली आज घर के साथ परिवार चार्टेड अंकाउंटेंट का काम भी बखूबी कर रही हैं। साथ ही अपने पति की भी मदद कर रही हैं। अंजली का कहना है कि महिला हो या पुरुष हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए और अपने अंदर की कला को पहचानने की कोशिश करते रहना चाहिए।

ससुराल पक्ष ने कहा और बन गई वकील
एक औरत के लिए शादी के बाद ससुराल ही उसका घर होता है, जहां हर कदम पर जिम्मेदारियां होती हैं। वहीं ससुराल पक्ष जिम्मेदारियों से इतर अगर आपके सपने पूरे करने में आपकी सहायता करे तो बात ही कुछ अलग होती है। यही करीब 30 साल पहले एडवोकेट कल्पना शर्मा के साथ हुआ। जहां कल्पना शर्मा के ससुर ने उन्हें एलएलबी की पढ़ाई करने के लिए कहा और तब से ही कल्पना का पूरा जीवन बदल गया। उम्र के 34 साल बाद वकालात शुरु करने वाली कल्पना ने बिना फीस से अपने पेशे की शुरुआत की ताकी वो असमर्थ लोगों की मदद कर सकें। आज कल्पना कोटा की जानी मानी वकील हैं और उनका कहना है कि जो भी आप करना चाहती हैं उसे लगन और ईमानदारी से करें क्योंकि आपकी लगन और ईमानदारी से लोग आपकी अहमियत को पहचानते हैं।

बातों बातों में बनी सिविल इंजीनियर
इंजीनियरिंग ऐसा क्षेत्र है जिसे कुछ समय पहले सामान्यतया पुरुषों का ही क्षेत्र माना जाता था। लेकिन उस समय में भी सुनीता जैन ने सिविल इंजीनियरिंग करने का जज्बा दिखाया। सुनीता अभी कोटा थर्मल पावर प्लांट में अधिशासी अभियंता पद पर मौजूद हैं। सुनीता बताती हैं कि शुरुआत में उनका सिविल इंजीनियरिंग करने का प्लान नहीं था लेकिन घर के सदस्य इंजीनियर थे तो बातों बातों में इसे ही करियर के तौर पर चुन लिया। शुरुआत में परेशानी हुई लेकिन पढ़ाई और काम करने में संतुष्टि और रूची बढ़ने लगी तो पूरा कार्यक्षेत्र इसे ही बना लिया। परिवार और ससुराल पक्ष की ओर से भी पूरा सहयोग मिला तो कम्पीटिशन एग्जाम निकाल लिया, और आज थर्मल पावर प्लांट में अधिशासी अभियंता पद पर तैनात हैं। सुनीता कहती हैं कि लड़कियां कभी ये नहीं सोचे कि कोई कार्यक्षेत्र उनके लिए है या नहीं वो कहीं भी अपना श्रेष्ठ प्रर्दशन कर सकती हैं। बस उनमें इच्छा शक्ति हो तो वो कई बड़ी जिम्मदारियों को सम्भाल सकती हैं।

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पति का हाथ बंटाने कि लिए शुरु किया पार्लर
शादी के बाद घर में पति पत्नी की जिम्मेदारियां बराबर की हो जाती है क्योंकि पत्नी और पति एक ही गाड़ी के दो पहिए होते हैं जिन पर गाड़ी का एक समान भार होता है। इसी बात को सही साबित कर रही हैं, डीसीएम क्षेत्र में ब्यूटी पार्लर संचालित करने वाली अमिता चौरसिया। अमिता ने ग्रेजुएशन के साथ साथ ब्यूटिशियन का भी कोर्स किया हुआ है जो खुद तो पार्लर चलाती हैं ही साथ ही नई उम्र की लड़कियों को भी ब्यूटिशियन का काम सिखाती हैं। पति की आर्थिक सहायता के लिए साल 2014 में शुरु किया पार्लर अब एक ट्रेनिंग सेंटर बन चुका है जहां अमिता अब तक करीब 25 लड़कियों को ट्रेनिंग दे चुकी हैं और अभी 10 लड़कियों को ट्रेनिंग दे रही हैं। अमिता कहती हैं कि अगर आप में हुनर हैं तो उसे निखारना चाहिए और हो सके तो उससे दूसरों की मदद भी करनी चाहिए। 

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