सेकुड़ के ग्रामीणों को एक साल से नहीं मिल रहा नरेगा में काम
जिला कलक्टर और विधायक से की शिकायत
ग्राम सेकुड़ के मजदूरों को ग्राम पंचायत द्वारा नरेगा मे मजदूरी नहीं देने पर ग्रामीण पलायन को मजबूर हो रहे है।
हरनावदाशाहजी। केंद्र और राज्य सरकार ग्राम पंचायतों के माध्यम से नरेगा के तहत ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई तरह से प्रचार प्रसार करती है। लेकिन बारां जिले की छीपाबड़ौद तहसील की ग्राम पंचायत कलमोदिया में एक गांव सेकुड़ ऐसा भी है, जहां पिछले एक वर्ष से मजदूरों को नरेगा के तहत कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ। वहीं सेकुड़ के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 4 वर्षों से ग्राम सेकुड़ में ग्राम पंचायत द्वारा कोई भी नरेगा तालाब निर्माण, इंटरलोकिंग जैसे कार्य स्वीकृत नहीं हुए है। पिछले एक साल से तो गांव के नरेगा मजदूर मजदूरी करने के लिए तरस रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सेकुड़ के मजरा झामरिया में स्वीकृत नरेगा तालाब में भी ग्राम सेकुड़ के मजदूरों को झामरिया वाले मजदूरों ने एक मस्टरोल मे मजदूरी नहीं करने दी। सेकुड़ गांव के नरेगा मजदूर कल्याण, दुर्गालाल, फूलचंद, तेजमल, ग्यारसी बाई, भंवरी बाई, चौथमल, कम्पुरी बाई, बसंती बाई, जगन्नाथी बाई, कृष्णा बाई, गोवर्धन, लड्डू, बाबूलाल, शंकर लाल, बृजमोहन, मेवा बाई, बदाम बाई, केलाबाई सहित अन्य मजदूरों का कहना है कि हमें एक वर्ष से नरेगा काम नहीं दिया गया। कलमोदिया ग्राम पंचायत हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। मजदूरों ने इसकी शिकायत बारां जिला कलक्टर और छबडा छीपाबड़ौद विधायक प्रतापसिंह सिंघवी को पत्र लिखकर की है।
पलायन होने पर मजबूर हुए ग्रामीण
ग्राम सेकुड़ के मजदूरों को ग्राम पंचायत द्वारा नरेगा मे मजदूरी नहीं देने पर ग्रामीण पलायन को मजबूर हो रहे है। ग्रामीण मजदूरों का कहना है कि एक तरफ तो केंद्र और राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को मजूदरी देने के लिए तरह तरह का प्रचार-प्रसार कर रही है तथा एक और ग्रामीण मजदूरी के लिए तरस रहे है।
4 वर्षों से कोई भी नरेगा तालाब निर्माण, इंटरलोकिंग जैसे कार्य स्वीकृत नहीं हुए है। पिछले एक साल से तो गांव के नरेगा मजदूर मजदूरी करने के लिए तरस रहे है।
- दोली बाई, ग्रामीण महिला।
ग्राम पंचायत द्वारा नरेगा में मजदूरी नहीं देने पर ग्रामीण पलायन को मजबूर हो रहे है।
- चतुर्भुज, ग्रामीण।
हमें एक वर्ष से नरेगा काम नहीं दिया गया। कलमोदिया ग्राम पंचायत हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
- लक्ष्मा बाई, ग्रामीण।
हमने विभाग को प्रस्ताव बनाकर भिजवा रखें हैं। जैसे ही मस्टरोल सेंशन होगी। नरेगा कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
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