आठ साल तक ईवीएम की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहा था पुलिस जाप्ता
लोकसभा चुनाव प्रक्रिया पर कई तरह के सवाल उठे थे
राजस्थान की सबसे होट सीट मानी जाने वाली इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से भाजपा के कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला का मुकाबला कांग्रेस के नमोनारायण मीणा से था।
जयपुर। लोकसभा चुनावों की मतगणना को लेकर देशवासी काफी उत्सुक है। मतों की गिनती चार जून को होगी। लेकिन इस बीच राजस्थान के टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट को लेकर भी चर्चा हुए बिना नहीं रहती। इस सीट पर कथित गड़बड़ी को लेकर आठ साल तक ईवीएम की सुरक्षा में 24 घंटे पुलिस का जाप्ता तैनात रहा था। यह मामला 2009 में हुए 12वीं लोकसभा चुनावों से जुड़ा हुआ है। सन 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा चुनाव प्रक्रिया पर कई तरह के सवाल उठे थे। मामला अदालत तक पहुंचा और फैसले के इंतजार में 4709 ईवीएम मशीनें ताले में बंद रही। उनकी हिफाजत के लिए एक तीन का जाब्ता 24 घंटे तैनात रहा था। टोंक के सूचना एवं जनसंपर्क केंद्र के कार्यालय के जिस हाल में ये ईवीएम मशीनें रखी गई थी, वहां पर आमजन के लिए पुस्तकालय था। उस समय राजस्थान की सबसे होट सीट मानी जाने वाली इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से भाजपा के कर्नल करोड़ी सिंह बैंसला का मुकाबला कांग्रेस के नमोनारायण मीणा से था। मीणा चुनाव जीतकर केन्द्र में राज्य मंत्री बन थे।
यह था मामला
उस समय एक ईवीएम में खराबी होने की वजह से टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र की 4709 ईवीएम पिछले करीब आठ साल तक ताले में बंद रही थी। इसका कारण यह था कि चुनावी प्रक्रिया को चुनौती देते हुए भाजपा के प्रत्याशी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपनी रिट में निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता आदि पर सवाल उठाए थे। कर्नल बैसला ने रिट में निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाए कि सरकारी मशीनरी कांग्रेस प्रत्याशी नमोनारायण मीणा ने समर्थन में जुटी थी। बैसला अदालत गए थे। कोर्ट के निर्देश के बाद निर्वाचन विभाग ने ईवीएम सूचना केंद्र में सील बंद करवा दी थी।
ईवीएम हुई थी खराब
उस चुनाव में सवाई माधोपुर के खंडार विधानसभा क्षेत्र के बूथ 16 की एक ईवीएम खराब हुई इसमें 680 मत थे। मतगणना के दिन बैंगलोर से बुलवाए गए इंजीनियर ने इससे मैनुअल वोट निकालकर गणना की थी। किन्तु विवाद का आरोप खत्म नहीं हो सका था।
कर्नल बैंसला ने की थी मांग
भाजपा प्रत्याशी बैंसला ने सभी बूथों पर रीकाउंटिंग की मांग की थी, लेकिन उन्होंने कुछ विशेष नंबरों वाले पोलिंग बूथों की पुनर्मतगणना के लिए भी लिखा था। इसे देखते हुए सभी बूथों की बजाए सिर्फ स्पेसिफिक नंबरों वाले 10 बूथों की ही रीकाउटिंग की गई। एक ईवीएम सवाई माधोपुर के टापूर बूथ की थी। इसमें डिस्पले नहीं हो रहा था। इंजीनियर ने वोटों के प्रिंट निकाले, ईवीएम में मौजूद वोटों का रिकार्ड जीत हार के अंतर से कहीं ज्यादा था। यह सोचकर ईवीएम को पूरी तरह सही नहीं करवाया गया तथा परिणाम घोषित कर दिया गया।
कर्नल बैंसला हारे थे
16 मई 2009 को मतगणना में नमोनारायण को तीन लाख 75 हजार 572 वोट और बैंसला को तीन लाख 75 हजार 255 वोट मिले थे, बैंसला 317 वोटों से हारे थे।
कर्नल ये लगाए थे आरोप
भाजपा प्रत्याशी कर्नल ने आरोप लगाए थे कि 114 ईवीएम पर सील नहीं थी। बूथ नंबर 63 पर कुल 365 वोट थे जबकि 370 वोट डाले गए। बूथ नंबर 165 पर 489 वोट थे, जबकि 574 वोट डाले गए ऐसा ही 10 बूथों पर हुआ। कोर्ट के निर्देश के बाद निर्वाचन विभाग ने ईवीएम सूचना केंद्र में सील बंद करवा दी थी।
करीब आठ साल बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला की रिट कोर्ट ने खारिज कर दी थी। उसके बाद सभी ईवीएम मशीनों को सील बंद कमरे से बाहर निकाला गया था।
- नमोनारायण मीणा, पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री और 2009 में कांग्रेस के प्रत्याशी
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