प्रतिदिन 147 लाख यूनिट बिजली का बैंकिंग समझौता न होता तो आज प्रदेश में पर्याप्त बिजली होती : नागर
पूर्व सरकार में छोड़ी कमियों को दुरुस्त करने के लिए भजनलाल सरकार बेहतर प्रबंधन और एक्सचेंज से बिजली खरीदकर निर्बाध बिजली आपूर्ति के प्रयास कर रही है।
बीकानेर में कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध में एईएन कार्यालय ड्रिप लगाकर पहुंचे और मरीज की तरह लेटकर विरोध जताया। प्रदेश में डिमांड और सप्लाई में 600 मेगावाट से अधिक अंतर बना हुआ है।
जयपुर। प्रदेश में जारी बिजली संकट पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा है कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के पांच साल के कुप्रबंधन के कारण हमें जर्जर बिजली तंत्र मिला था। पूर्व सरकार में छोड़ी कमियों को दुरुस्त करने के लिए भजनलाल सरकार बेहतर प्रबंधन और एक्सचेंज से बिजली खरीदकर निर्बाध बिजली आपूर्ति के प्रयास कर रही है।
नागर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में महंगी दरों पर एक्सचेंज से बिजली खरीदी गई। कुप्रबंधन के कारण बिजली कंपनियां 88,700 करोड़ के लोन के साथ दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई और बिजली कपंनियों पर एक लाख 30 हजार 200 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज हो गया। समय पर लोन नहीं चुका पाने के कारण 300 करोड़ की पैनल्टी भी लगाई गई,जबकि वसुधंरा राजे सरकार(2013-2018) में बिजली कपंनियों के 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज अपने ऊपर लेकर कर्ज से मुक्ति दिलाई थी। हमारी सरकार ने वर्तमान में 31 हजार 825 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की विभिन्न परियोजनाओं सहित ऊर्जा क्षेत्र विकास के लिए 1.60 लाख करोड़ निवेश के एमओयू किए हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने बैंकिग व्यवस्था के तहत 2023 के सितम्बर में रबी सीजन में अन्य राज्यों से बिजली एग्रीमेंट किया, जिसके तहत अब हमें बिजली लौटानी पड़ रही है। गहलोत सरकार के खराब निर्णय के कारण रोजाना 147 लाख यूनिट बिजली लौटानी पड़ रही है।
बिजली संकट : कई जिलों में प्रदर्शन, कई विधायकों ने दी चेतावनी
प्रदेश में जारी बिजली संकट पर लोगों में आक्रोश बरकरार है। कई जिलों में बिजली विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए तो कई जगह विधायकों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं काली सिंध थर्मल एक यूनिट शुरू होने के बाद दूसरी यूनिट में खराबी आने से संकट का हल नहीं निकल पाया है। कालीसिंध की सात दिन पहले बंद हुई एक थर्मल इकाई शुरू होने से कुछ राहत मिली तो इसी बीच दूसरी यूनिट से उत्पादन ठप हो गया। दौसा में पावर स्टेशन में आग लग जाने से कई इलाकों में बिजली सप्लाई बाधित हुई। नागौर में लाड़नूं विधायक मुकेश भाकर ने बिजली संकट पर लोगों की परेशानी देखते हुए प्रशासन को सात दिन का अल्टीमेटम देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। पाली में ट्रांसफॉर्मर में आग लगने से बिजली आपूर्ति बाधित हुई। धौलपुर में दस से 12 घंटे कटौती से लोग बिजली अफसरों के पास शिकायत करने पहुंचे। कोटा में प्राइवेट बिजली कंपनी के खिलाफ आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन किया। बीकानेर में कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध में एईएन कार्यालय ड्रिप लगाकर पहुंचे और मरीज की तरह लेटकर विरोध जताया। प्रदेश में डिमांड और सप्लाई में 600 मेगावाट से अधिक अंतर बना हुआ है।
बेनीवाल ने पीड़ा सरकार तक पहुंचाई
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल नागौर जिले सहित प्रदेश भर में बिजली संकट को लेकर राज्य सरकार के जिम्मेदारों से मुलाकात कर रहे हैं। बेनीवाल ने पिछले दो दिनों में मुख्य सचिव सुधांश पंत, राजस्थान डिस्कॉम चेयरमैन भानुप्रकाश एटरू, अजमेर डिस्कॉम एमडी केपी वर्मा से अघोषित बिजली कटौती के संबंध में चर्चा की। लोगों की पीडा का जल्दी निवारण नहीं हुआ तो आरएलपी सड़कों पर उतरकर विरोध जताएगी।
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