Modi Government में सुधार नीतियां जारी रहने की उम्मीद में चढ़ेगा बाजार

Modi Government में सुधार नीतियां जारी रहने की उम्मीद में चढ़ेगा बाजार

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2732.05 अंक अर्थात 3.7 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर पहली बार 76693.36 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

मुंबई। देश में नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दर को लगातार आठवीं बार स्थिर रखने से हुई जबरदस्त लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह साढ़े तीन प्रतिशत से अधिक उछलकर ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बना चुके घरेलू शेयर बाजार मोदी सरकार 3.0 में भी पहले से चल रही बाजार समर्थित नीतियों की निरंतरता कायम रहने की उम्मीद में अगले सप्ताह भी गुलजार रहेगा। 

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2732.05 अंक अर्थात 3.7 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर पहली बार 76693.36 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 759.45 अंक यानी 3.4 प्रतिशत उछलकर 23290.15 अंक के सार्वकालिक उच्चतम स्तर पर रहा।

समीक्षाधीन सप्ताह में निवेशकों ने बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों के शेयर में भी जमकर निवेश किया। इससे मिडकैप 1258.75 अंक अर्थात 2.9 प्रतिशत मजबूत होकर सप्ताहांत पर 44111.44 अंक और स्मॉलकैप 1467.89 अंक यानी 3.1 प्रतिशत चढ़कर 48731.55 अंक हो गया।

विश्लेषकों के अनुसार, लोकसभा चुनाव की 04 जून मंगलवार को हुई मतगणना के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी  (भाजपा) को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के रुझानों से निराश निवेशकों की भारी  बिकवाली से शेयर बाजार में भूचाल आ गया और सेंसेक्स एक दिन में 4390 अंक  और निफ्टी 1380 अंक टूट गया। लेकिन, सहयोगी दलों के समर्थन से केंद्र में  लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनना तय  होने के बाद अगले तीन दिनों में सेंसेक्स ने 4614 और निफ्टी ने 1406 अंक की रिकवरी की और दोनों सूचकांक नये शिखर पर पहुंच गये।

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बाजार पर अगले सप्ताह आरबीआई के ब्याज दरों को यथावत रखने से दर-संवेदनशील समूहों में लिवाली जारी रह सकती है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में एक फिर राजग की सरकार बनने से बाजार समर्थित नीतियों के आगे भी जारी रहने का सेंसेक्स और निफ्टी पर असर देखा जा सकेगा।

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इनके अलावा वैश्विक घटनाक्रम, कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश प्रवाह का भी बाजार पर असर रहेगा। हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 की शुरूआत से अबतक एफपीआई बाजार में लगातार बिकवाल बने हुए हैं। एफपीआई ने चालू वित्त वर्ष के अप्रैल में बाजार से 35,692.19 करोड़, मई में 42,214.28 करोड़ और जून में अबतक 13,718.42 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। आरबीआई ने भी अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में इस तथ्य की पुष्टि करते हुए बताया है कि चालू वित्त वर्ष की शुरूआत से 05 जून तक एफपीआई ने घरेलू बाजार में पांच अरब डॉलर की बिकवाली की है।

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