प्रदेशभर के महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की जल्द होगी कार्रवाई: भजनलाल
राजसेस के तहत खोले गए कॉलेजों की होगी समीक्षा
शर्मा टैगोर इंटरनेशनल स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के 62वें प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक भावी पीढ़ी को सही दिशा देकर उनका चरित्र निर्माण करते हैं।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई शीघ्र शुरू की जाएगी। कॉलेज शिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालयों में एसीपी एवं सीएस के लाभ से संबंधित जितने भी प्रकरण हैं, उन्हें तुरंत निस्तारित किया जाएगा। भविष्य में प्रतिवर्ष एसीपी और सीएस लाभ के लिए प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। सरकार उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। शर्मा टैगोर इंटरनेशनल स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के 62वें प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक भावी पीढ़ी को सही दिशा देकर उनका चरित्र निर्माण करते हैं।
उच्च शिक्षण संस्थानों में तेजी से बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और शिक्षकों के लिए हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निरंतर प्रयत्नशील हैं। उनके नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। केन्द्र सरकार ने 7 नए आईआईटी, 16 ट्रीपल आईटी, 7 आईआईएम, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किए हैं।
पिछली सरकार ने लिए गलत फैसले
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत सरकार ने जल जीवन मिशन, बिजली खरीद, बिना किसी संसाधनों के महाविद्यालयों खोलने जैसे दिशाहीन गलत फैसले लिए। जल जीवन मिशन में जहां पानी के स्त्रोतों के बिना ही टंकी बना दी गई। वहीं बिजली खरीद में हजारों करोड़ का घाटा किया गया। महाविद्यालय खोलने के संबंध में भी बिना किसी मूलभूत सुविधाओं के अंधाधुंध महाविद्यालय राजसेस के तहत खोल दिए। जिनमें कोई स्थाई शिक्षक नहीं लगाया गया। अब हमारी सरकार ने राजसेस के अंतर्गत खोले गए इन कॉलेजों की समीक्षा के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया है। हमारी सरकार कॉलेज में शिक्षकों के रिटायरमेंट की आयु सीमा को बढ़ाने पर भी मंथन कर रही है।
गुणवत्ता को बढ़ावा देने की कवायद: डॉ. बैरवा
उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में कौशलपरक रोजगार को बढ़ावा देने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा भावी चुनौतियों के अनुरूप प्रावधान किए गए हैं। शिक्षकों की सभी समस्याओं के प्रति राज्य सरकार संवेदनशील है तथा शिक्षकों के हित में कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जे.पी. सिंघल, महामंत्री (राजस्थान) डॉ. सुशील कुमार बिस्सु, अध्यक्ष (राजस्थान) डॉ. दीपक शर्मा, आयोजक सचिव डॉ. कमल किशोर मिश्रा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर, प्रदेश संगठन मंत्री घनश्याम, आरएसएस के राजस्थान प्रांत के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम सहित बड़ी संख्या में संगठन के लोग मौजूद रहे।
Comment List