शहर में मच्छरों की उत्पत्ति के पांच दर्जन से अधिक ब्लैक स्पॉट !

नालों की सफाई नहीं होने से ही मच्छरों के पनपने की बन रही अनुकूल परिस्थितियां

शहर में मच्छरों की उत्पत्ति के पांच दर्जन से अधिक ब्लैक स्पॉट !

बारिश को दौर शुरू होते ही सरकारी से लेकर निजी अस्पताल में डेंगू के संदिग्ध मरीजों का आना शुरू हो गया है।

कोटा। शहर में मानसून सक्रिय होने के साथ ही मच्छरों के पनपने के अनुकूल स्थान तैयार हो गए है। शहर में  बारिश जगह जगह गड्ढो में पानी जमा होने से मच्छर के लार्वा पनप रहे है। हालांकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग हर रोज 12 हजार से अधिक घरों प्रतिदिन सर्वे कर लार्वा को नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन यह अभियान धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है। शहर की कई बस्तियों में इन दिनों मच्छरों के लार्वा पनप रहे है।  कोटा शहर में करीब पांच दर्जन से अधिक ब्लैक स्पॉट है जहां सबसे ज्यादा मच्छर पनपते है। कोटा में पिछले साल कोटा में डेंगू काफी फैला था जिसके कारण कई लोगों की जान पर बन आई थी। इस बार इसके फैलाव से पहले विभाग इसकी रोकथाम में जुटा है। इसके लिए जिला प्रशासन से लेकर हर विभाग को मच्छर को पनपने से रोकने के लिए जिम्मेदारियां दी गई। करीब 17 से अधिक विभाग  को हर रविवार अपने अपने कार्यालायों में एंटी लार्वा गतिविधियां करने की जिम्मेदारी दी गई है। उल्लेखनीय है कि मच्छर जनित बीमारी मलेरिया से बचाव, रोकथाम व जागरुकता के लिए प्रतिदिन प्रचार प्रसार किया जा रहा उसके बावजूद डेंगू के संदिग्ध मरीज अस्पतालों में आ रहे है। हालांकि एलाइजा जांच में तो नेगिटव आ रहे लेकिन मरीजों के लक्षण सारे डेंगू वाले है। 

मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से होता है मलेरिया  
डिप्टी सीएमएचओ हैल्थ डॉ. घनश्याम मीना ने बताया कि मलेरिया रोग मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर साफ पानी में अण्डे देता है और रात के समय काटता है। अचानक तेज संर्दी लगकर बुखार आना, पसीना आकर बुखार कम होना, सिर दर्द मलेरिया रोग के प्रमुख लक्षण हैं। 

विशेष अभियान चल रहा 
मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए चल रहा विशेष अभियान  सीएमएचओ डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि मौसमी बीमारियों और मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अगस्त माह में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। हर घर में दस्तक देकर लोगों को मौसमी बीमारियों के लिए जागरूक किया जा रहा है। वहीं सभी खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को इस संबध में आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। पिछले साल इन इलाकों में सबसे ज्यादा आए डेंगू के मरीज: पिछले साल मच्छर जनित बीमारियों के सबसे ज्यादा मरीज जवाहर नगर, इंद्रा विहार, तलवंडी सेक्टर ए ,सी,एसएफएस सहित महावीर नगर सैकंड से आए। इसके अलावा अनंतपुरा,भीमगंजमंडी, नयागांव,रंगबाड़ी, महावीर नगर,केशवपुरा  पुरोहित जी की टापरी, डीसीएम, विज्ञान नगर, दादाबाड़ी, बोरखेड़ा, नयापुरा, स्टेशन, काला तालाब, डकनिया, शॉपिंग सेंटर,छावनी, कुन्हाडी, नांता सहित करीब 50 से अधिक ब्लैक स्टॉप है यहां अधिक मच्छर के लार्वा पनप रहे है। 

निजी अस्पतालों में आने लगे संदिग्ध मरीज
बारिश को दौर शुरू होते ही सरकारी से लेकर निजी अस्पताल में डेंगू के संदिग्ध मरीजों का आना शुरू हो गया है। हालांकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का दावा है अभी डेंगू मरीज नहीं आ रहे है। लेकिन डेंगू लक्षण व संदिग्ध मरीजों की संख्या प्रतिदिन 150 से के आसपास चल रही है। इनकी रिपोर्ट तो नेगेटिव है लेकिन लक्षण डेंगू के है। इनका इलाज भी डेंगू समझ कर ही किया जा रहा है।

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इनका कहना है
मौसमी बीमारियों को नियंत्रण में रखने के लिए सोर्स रिडक्शन पर फोकस किया किया जा रहा है। घरों में कूलर, टंकियों एवं अन्य जल संग्रहण वाले जल पात्रों की सप्ताह में एक बार रगड़कर साफ-सफाई कराई जा रही है इससे मच्छरों के अण्डे लार्वा बनने से पूर्व ही खत्म हो जाएगें। पोस्टर स्टीकर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हर घर में दस्तक देकर डेंगू मलेरिया के लिए जागरूक किया जा रहा है।अभी डेंगू मलेरिया के मरीज नहीं आ रहे लेकिन संदिग्ध मरीजों स्लाइड ली जा रही है। 
- डॉ. जगदीश कुमार सोनी, सीएमएचओ

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नालों व गड्ढों में पनप रहे लार्वा
नालों व नदियों की सफाई बेहतर तरीके से नहीं हो रही है। जिसके कारण मच्छरों के लार्वा इनमें पनप रहे है। चिकित्सा एवं स्वास्थ विभाग की टीमे घरों का तो सर्वे कर कूलर, परिडों में एंटी लार्वा गतिविधियां कर रही है लेकिन शहर में कई ऐसे स्थान है जहां जहां मच्छरों का अड्डा बना हुआ है।  समय रहते ब्लैक स्पॉट पर दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया तो मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों का प्रमाण बढ़ सकता है। महावीर नगर, विज्ञान नगर, नया कोटा ऐसे स्थान है जहां हर साल डेंगू के मच्छर पनपत है। नगर निगम को नालों की सफाई कराकर यहां एंटी लार्वा गतिविधियां करानी चाहिए। नागरिकों का आरोप है कि नदी- नालों की सफाई के नाम कचरा निकालकर ढेर बना दिया जाता है।  वहां से संबंधित कचरे को हटाया नहीं जाता।  जिसकी वजह से मच्छरों के पनपने के अनुकूल परिस्थितियां तैयार होती है। 
- विशाल आचार्य, निवासी महावीर नगर

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