स्मार्ट सिटी: सरकारी सम्पति पर जमाया अपना अधिकार
दशहरा मैदान की दीवार पर लिखे कई दुकानदारों ने अपने नाम
निगम अधिकारियों का कहना है कि दशहरा मैदान में विजयश्री रंगमंच के सामने की कच्ची जगह को पक्का करने की योजना है।
कोटा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एक तरफ तो करोड़ों रुपए खर्च कर दशहरा मैदान को नया स्वरूप देने का प्रयास किया गया है। वहीं मेले में आने वाले कई दुकानदारों ने उस सरकारी सम्पति पर ही अपना अधिकार समझते हुए मैदान की दीवारों पर अपने नाम लिख दिए। जिससे मैदान की दुर्दशा झलक रही है। दशहरा मेले को भव्यता प्रदान करने व उसमें होने वाले कार्यक्रमों को तय करने के लिए मेला समिति का गठन किया गया है। समिति सभी के सहयोग से कार्यक्रमों को अंतिम रूप देती है। वहीं निगम के राजस्व अनुभाग की ओर से दुकानदारों को दुकानों का आवंटन किया जाता है। जिसके लिए मेला समिति द्वारा तय की गई राशि दुकानदारों व व्यापारियों से लीे जाती है। कई दुकानें बरसों से एक ही व्यापारी को आवंटत की जा रही है जिससे उसका कब्जा बना हुआ है। जबकि कई दुकानदारों व व्यापारियों की मौत हो चुकी है। उनके नाम से वे दुकानें लेकर अन्य लोगों को महंगे दामों पर बेच देते हैं। इससे निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं कई ऐसे दुकानदार हैं जिन्होंने मैदान की दीवार पर ही अपने नाम लिख दिए हैं। जिससे उस जगह पर उनका स्थायी कब्जा हो गया है। उस जगह पर हर बार वे ही दुकानें लगाते हैं। किसी अन्य को उस जगह पर दुकानें नहीं लगाने देते।
जन सुविधाओं के पास अधिक खराब स्थिति
दशहरा मैदान में दीवारों पर नाम लिखकर उसकी स्थिति बिगाड़ने वाले सबसे अधिक स्थान विजयश्री रंगमंच के सामने जन सुधिवाओं के पास की है। यहां जगह-जगह पर लोगों ने अपने नाम लिखे हैं। राजा गुर्जर, द्रोपदी,अब्दुल रहमान, मेनका व असलम समेत कई ऐसे नाम हैं जो दीवारों पर देखे जा सकते हैं। इसी तरह के कई अन्य नाम भी जगह - जगह पर लिखे हुए हैं। जिससे पूरी दीवारों की दशा ही खराब कर रखी है।
कच्ची जगहों पर भी यही हाल
जिस तरह से कई दुकानदारों ने दीवारों पर अपने नाम लिखकर कब्जा जमा रखा है। उसी तरह से कई दुकानदारों व ठेले वालों ने कच्ची जगह पर अपना स्थायी ठोर जमा लिया है। वे हर बार उसी जगह पर अपने ठेले लगाते हैं। किसी ओर के वहां आने पर उन्हें हटा देते हैं। कई ठेले वाले तो चलते-फिरते रहते हैं। जबकि कई ठेले वाले विशेष रूप से चाट-पकौड़ी वालों ने कच्ची जगह पर अपना कब्जा जमा रखा है। हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि दशहरा मैदान में विजयश्री रंगमंच के सामने की कच्ची जगह को पक्का करने की योजना है। जिससे उस जगह पर किसी का कब्जा नहीं रहेगा।
इनका कहना है
दशहरा मैदान सरकारी सम्पति है। उसकी दीवारों पर इस तरह से कोई भी नाम नहीं लिख सकता। यदि किसी ने लिखा है तो गलत है। उन सभी नामों को मिटाया जाएगा। साथ ही यदि कोई ऐसा करता पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं पूरे मैदान में दुकानों का नए सिरे से नक् शा तैयार किया जा रहा है। जिससे किसी की भी मोनोपोली नहीं चलने दी जाएगी।
- विवेक राजवंशी, अध्यक्ष दशहरा मेला व अन्य उत्सव आयोजन समिति
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