लाल किला प्रांगण में 'सोणो राजस्थान' झांकी बनेगी आकर्षण का केंद्र
झांकी राजस्थान की समृद्ध विरासत, उत्सवधर्मी संस्कृति और विकास को प्रदर्शित करेगी
गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस बार राजस्थान की झांकी भले ही कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी, लेकिन 'भारत पर्व-2025' में लाल किला प्रांगण में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में 'सोणो राजस्थान' झांकी दर्शकों का ध्यान आकर्षित करेगी
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस बार राजस्थान की झांकी भले ही कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी, लेकिन 'भारत पर्व-2025' में लाल किला प्रांगण में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में 'सोणो राजस्थान' झांकी दर्शकों का ध्यान आकर्षित करेगी। यह झांकी राजस्थान की समृद्ध विरासत, उत्सवधर्मी संस्कृति और विकास को प्रदर्शित करेगी।
राजस्थान ललित कला अकादमी के डॉ. रजनीश हर्ष के अनुसार, झांकी का निर्माण दिल्ली कैंट परेड ग्राउंड स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में किया जा रहा है। झांकी के अग्रभाग में राजस्थान के पारंपरिक त्योहारों तीज और गणगौर के मनोहारी दृश्य होंगे। शेखावाटी की प्राचीन हवेलियों और उनके भित्ति चित्रों को भी झांकी का हिस्सा बनाया गया है। झांकी में जल संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान सरकार के प्रयासों को भी दर्शाया जाएगा। डिजाइन कार्य प्रसिद्ध कलाकार हरशिव शर्मा ने किया है। कला और संस्कृति विभाग के शासन सचिव रवि जैन और अकादमी की प्रशासक रश्मि गुप्ता के मार्गदर्शन में यह झांकी तैयार हो रही है।
झांकी के निर्माण में परंपरा और आधुनिकता का खूबसूरत मिश्रण है। दर्शकों को राजस्थान की स्थापत्य परंपरा और आधुनिक विकास की झलक मिलेगी। 'सोणो राजस्थान' झांकी भारत पर्व में राजस्थान की संस्कृति और उपलब्धियों का गौरवशाली प्रदर्शन करेगी
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