दर्जनों विकास कार्यों के बाद भी शहर की सड़कें डूब रही अंधेरे में
डीसीएम से लेकर आरपीएस कॉलोनी तक अनंतपुरा से लेकर डाढ़देवी तक सड़कों की रोड लाइट पड़ी बंद
स्थानियों ने कई बार निगम तथा केडीए को बोल दिया है लेकिन हर बार रोड लाइट लगाने का आश्वासन देकर टाल देते हैं।
कोटा। शहर में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत दर्जनों विकास कार्य होने के बाद भी कई सड़कें आज भी अंधेरे में डूबी हुई हैं। रात के समय सड़कों के अंधेरे में डूबे रहने से अपराध के साथ हादसा होने की संभावना भी बढ़ जाती है। हालांकि निगम और केडीए की ओर से सड़कों पर रोड लाइट लगाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। बावजूद इसके कई इलाके ऐसे हैं जहां पर रोड लाइट तक नहीं है। डीसीएम रोड पर रहता है अंधेरा: शहर के सबसे प्रमुख मार्गों में से एक डीसीएम मार्ग पर रात के समय अंधेरां पसरा रहता है। इस सड़क पर रोड लाइट लगी तो हुई हैं लेकिन वो भी कभी कभार जलती हैं। जिस कारण एयरोड्राम सर्कल से डीसीएम चौराहे तक इस सड़क पर दर्जनों जगह अंधेरा रहता है। इसी तरह अनंतपुरा से डीसीएम चौराहे तक भी यही स्थिति है। यहां भी अनंतपुरा चौराहे से डीसीएम चौराहे तक केवल भामाशाह मंडी के गंट के यहां रोड लाइट लगी हुई है, इसके अलावा पूरे सड़क पर अंधेरा पसरा हुआ है। स्थानियों का कहना है कि इसके लिए कई बार निगम तथा केडीए को बोल दिया है लेकिन हर बार रोड लाइट लगाने का आश्वासन देकर टाल देते हैं।
दाईं मुख्य नहर के आरपीएस कॉलोनी और डाढ़देवी मार्ग पर पसरा अंधेरा
मुख्य सड़क को छोड़ दें तो शहर से निकल कर ग्रामीण इलाके में जाने वाली दाई मुख्य नहर पर भी दर्जनों स्थानों पर रोड लाइट बंद पड़ी हुई है। दाईं नहर के किनारे किशोरपुरा गेट से गुमानपुरा चौराहे तक बसी आरपीएस कॉलोनी के सामने सड़क पर दर्जनों रोड लाइट बंद पड़ी हैं। इसी तरह नहर किनारे थेकड़ा से उम्मेदगंज तक सड़क पर अंधेरा पसरा पड़ा है। ये सड़क कैथून तक जाती है जिस पर रोज सैंकड़ों वाहन गुजरते हैं वहीं सुनसान इलाका होने के चलते कभी भी वारदात हो सकती है।
लोगों का कहना है
सड़कों पर रोड लाइट की समस्या बहुत पुरानी है,अनंतपुरा फ्लाईओवर पर कई बार वारदात की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बावजूद इसके अभी तक यहां की रोड लाइट ठीक नहीं हुई हैं।
- हरीराम गुर्जर, प्रेमनगर द्वितीय
अनंतपुरा से डीसीएम चौराहे तक रोड लाइट ही नहीं है जो हैं वो जलती नहीं हैं। निगम केडीए को कई बार बोल चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं होता है।
- नितिन वैष्णव, प्रेमनगर तृतीय
नहर किनारे सैंकडों वाहनों का आना जाना होता है, यहां से ग्रामीण अपना माल लाते हैं। लेकिन कई बार अंधेरा होने के चलते अंदर बाजार में से होकर आना पड़ता है क्योंकि नहर किनारे वारदात का खतरा रहता है।
- धर्मेंद्र प्रजापति, कंसुआ
इनका कहना है
पूरे शहर की रोड लाइट को ठीक किया जा रहा है, जहां लाइट नहीं है वहां नई लगाई जा रही हैं। जिन भी इलाकों में लाइट की समस्या है उसे दिखाकर दूर कराएंगे।
- कुशल कोठारी, सचिव, केडीए
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