राजस्थान में 10 हजार करोड़ का होगा पहला ग्रीन बजट
पर्यावरण संरक्षण की मुहिम, ग्रीन ग्रोथ को वित्त विभाग की विभागों को गाइडलाइन जारी
जलवायु परिवर्तन-ग्रीन हाऊस गैस इफेक्ट घटाने, तापमान में बढ़ोतरी रोकने पर बनेगी कार्ययोजना
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में अगले वित्त वर्ष में पहला ग्रीन बजट आएगा। इसके लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों को परिपत्र जारी कर ग्रीन ग्रोथ को कार्ययोजना बनाने के लिए मुख्य सचिव सुधांश पंत की मंजूरी के बाद वित्त (बजट) विभाग के शासन सचिव देबाशीष पृष्टी ने प्रारम्भिक गाइडलाइन जारी कर दी है।
इसके तहत प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने, ग्रीन हाऊस गैसों के प्रभाव को कम करने, मरूस्थलीकरण एवं भूमि क्षरण की रोकथाम तथा तापमान में हो रही बढ़ोतरी को रोककर पर्यावरण प्रबन्धन पर फोकस किया गया है। उच्चस्थ सूत्रों के अनुसार राजस्थान में आगामी ग्रीन बजट कुल बजट का करीब 4 फीसदी होगा। वित्त विभाग के अधिकारी इस पहले ग्रीन बजट को अनुमानत: करीब 10 हजार करोड़ रुपए का मान रहे हैं। बिहार पहला राज्य है जिसने पहला ग्रीन बजट 2020-21 में पेश किया था, गत वित्तीय वर्ष में इसके लिए 9920.77 करोड़ रूपए यानी कुल बजट का 3.79 फीसदी बजट रखा गया है।
देश में 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य
भारत सरकार ने वर्ष 2070 तक पर्यावरण संरक्षण-प्रबन्धन और शून्य कॉर्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा गया है। 30 फीसदी मीथेन उत्सर्जन कम करने, 50 फीसदी तक रिन्यूअल एनर्जी पर निर्भरता बढ़ाने का प्रयास है। इस समयावधि में पर्यावरण पर पड़ते दुष्प्रभावों को रोकने के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर निवेशित करने का लक्ष्य है।
पर्यावरण विभाग होगा नोडल विभाग
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने प्रदेश में ग्रीन बजट के लिए पर्यावरण विभाग को इसका नोडल विभाग बनाने के आदेश जारी किए हैं। पर्यावरण विभाग ग्रीन बजट को अन्य विभागों की प्लानिंग से कोर्डिनेशन भी करेगा।
विभागीय इन तय बिन्दुओं पर प्लानिंग बनाएंगे
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं प्रबन्धन
- ग्रीन आधारभूत संरचनाओं का निर्माण, जैसे सौर ऊर्जा सयंत्र, ग्रीन भवन, बैटरी चलित सार्वजनिक परिवहन इत्यादि।
- जल संसाधन क्षेत्र संरक्षण
- जलवायु परिवर्तन शमन तथा अनुकूलन
- वायु तथा जल प्रदूषण नियंत्रण
- अपशिष्ट प्रबन्धन
- संधारणीय भूमि उपयोग और जलगृहण एवं मृदा संरक्षण
- जलवायु स्मार्ट कृषि
- मरूस्थलीकरण एवं भूमि क्षरण रोकथाम
- जैव विविधता एवं पारिस्थितिकी संरक्षण
- ऐसी योजनाएं जिससे पर्यावरण में सुधार हो
- कार्बन उत्सर्जन तथा ग्रीन हाऊस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना
- ग्रीन ग्रोथ से संबंधित अन्य व्यय
लाइफ स्टाइल फॉर क्लाइमेट की थीम होनी चाहिए। प्रदेश में मरूस्थल बढ़ रहा है, कभी बाढ़ तो कभी सूखा पड़ रहा है। शहर-गांव में स्थानीय माइक्रो क्लाइमेट बदल रहा है। ग्रीन बजट का मतलब नेचुरल रिर्सोसेज की खपत नहीं बचत हो तो सार्थक प्रयास होंगे।
-अनिल मेहता, पर्यावरणविद्
बजट बेहतर प्रयास है, लेकिन सरकार के साथ जनता को सहभागी बनना होगा। जो पर्यावरण असंतुलन करे, उस पर पैनल्टी इम्पोज भी जरूरी है।
- सुरेन्द्र सिंह चौहान, पर्यावरण विज्ञान विभाग, एचओडी, आरयू।
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