सेबी प्रमुख पर लगे आरोपों की हो निष्पक्ष जांच : कांग्रेस

सेबी प्रमुख पर लगे आरोपों की हो निष्पक्ष जांच : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि प्रतिभूत और विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रमुख माधवी पुरी बुच को लेकर हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं इसलिए सरकार को इस मामले की जांच करने से झिझकना नहीं चाहिए।

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि प्रतिभूत और विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रमुख माधवी पुरी बुच को लेकर हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं इसलिए सरकार को इस मामले की जांच करने से झिझकना नहीं चाहिए।

प्रोफेशनल्स कांग्रेस और डेटा एनालिटिक्स के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सेबी देश की सबसे महत्वपूर्ण संस्थाओं में से एक है लेकिन इसकी अलमारी से घोटालों के नये-नये कंकाल सामने आ रहे हैं। डॉ. मनमोहन सिंह के 1991 के उदारीकरण के बारे में जब भी बात होती है तो तब भी सेबी एक महत्वपूर्ण व्यवस्था थी। अभी 10 अगस्त को एक विदेशी शोध फर्म ने सेबी चेयरपर्सन और उनके परिवार के खिलाफ ऑफशोर फंड के आरोपों के साथ एक रिपोर्ट जारी की जिसके लिए उन्होंने दस्तावेजी सबूत होने का दावा किया। ये आरोप किसी राजनीतिक दल ने नहीं बल्कि एक रिसर्च फर्म ने लगाया है। सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने इस मुद्दे को लेकर जवाब दिया है। सवाल है कि सेबी प्रमुख पर विदेशी शोध फर्म ने आरोप लगाएं हैं तो उसका जवाब मंत्री ने क्यों दिया।

उन्होंने कहा कि आज एक और खुलासा हुआ है। एक समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि जब सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच आईसीआईसीआई बैंक में थीं, तब उनके पास दो नौकरियां थीं। वह ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल नामक एक निजी इक्विटी फंड में भी कार्यरत थीं। ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल के बारे में एक खोज से पता चला है कि अजीत डोभाल के पुत्र शौर्य डोभाल भी थे। बुच को भले ही एक वित्त पेशेवर के रूप में भर्ती किया गया हो लेकिन इससे आरोपों और सवालों की एक लंबी सूची खड़ी हो गई है। क्या यह और अधिक चिंता पैदा नहीं करता।

कांग्रेस नेता ने कहा कि जब आए दिन नये नए खुलासे हो रहे हैं तो सरकार जांच करने से झिझक क्यों रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश में एक बहुत मजबूत शेयर बाजार चाहती है। हम शेयर बाजार में विदेशी पूंजी चाहते हैं। यह देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और राष्ट्रीय मुद्दा है। सवाल है कि जांच नहीं कराकर सरकार किसको सुरक्षा दे रही है? माधबी पुरी बुच पर ईडी चुप क्यों है। मामले की निष्पक्ष जांच करने में झिझक क्यों रही है।

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