अनुकूल निवेश नीतियों से राजस्थान अक्षय ऊर्जा में निवेशकों की बना पसंद: CM भजनलाल
सौर ऊर्जा क्षमता में राजस्थान रहा अव्वल
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजस्थान भारत में अक्षय ऊर्जा उत्पादन में पहले स्थान पर है। यहां का भड़ला सोलर पार्क 2 हजार 245 मेगावाट स्थापित सोलर क्षमता के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है।
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अनुकूल निवेश की नीतियों से राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेशकों की पसंद बन गया है। मुख्यमंत्री ने गुजरात के गांधी नगर स्थित महात्मा मंदिर कन्वेंशन एवं एग्जीबिशन सेंटर में चौथी वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश बैठक और एक्सपो-2024 के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कही। इस कार्यक्रम उद्घाटन पीएम ने किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजस्थान भारत में अक्षय ऊर्जा उत्पादन में पहले स्थान पर है। यहां का भड़ला सोलर पार्क 2 हजार 245 मेगावाट स्थापित सोलर क्षमता के साथ दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेशकों के लिए प्रदेश में अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में 28 गीगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं से लगभग 470 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादित हो रही है और 32 गीगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इसके साथ ही राज्य में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा और 284 गीगावाट पवन ऊर्जा के उत्पादन की संभावनाएं हैं। हम वर्ष 2031-32 तक 115 गीगावाट सौर एवं पवन ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
सौर ऊर्जा क्षमता में देश में राजस्थान को पहला स्थान मिलने पर गुजरात के गांधी नगर में सोमवार को आयोजित चौथी ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो में केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी से पुरस्कार लेते मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा।
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शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार बिजली क्षेत्र में सुधारों के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। हमने विकसित राजस्थान-2047 के संकल्प को पूरा करने के लिए अगले 10 सालों में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत राजस्थान के सभी जिलों में आदर्श सौर ग्राम विकसित किए जा रहे हैं। कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में 228 मेगावाट की सोलर परियोजनाएं स्थापित हो चुकी हैं और 300 मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
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