राजनीतिक एजेंडे का केन्द्र प्रेसिडेंशियल डिबेट

राजनीतिक एजेंडे का केन्द्र प्रेसिडेंशियल डिबेट

यह दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट थी। इससे पहले 27 जून को मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन और ट्रंप के बीच पहली डिबेट हुई।

अमेरिकी गणतंत्र के 47 वें राष्ट्रपति के लिए चुनावी मुकाबला आहिस्ता-आहिस्ता अंतिम दौर की ओर बढ रहा हैं। चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कमला हैरिस मैदान में है। कमला भारतीय मूल की नेता हैं और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार में उपराष्ट्रपति के पद पर कार्यरत हैं। दोनों प्रत्याशियों के बीच चुनाव को लेकर तल्खी इस कदर बढ़ चुकी है कि पिछले सप्ताह हुई दूसरी प्रेसिडेंशियल बहस में दोनों प्रत्याशियों ने एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा। फिलाडेल्फिया की एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में रखी गई डिबेट में दोनों प्रत्याशियों ने गर्भपात, गन कंट्रोल, राष्ट्रीय कर्ज, स्वास्थ्य व सामाजिक लाभ, इमिग्रेशन, अर्थव्यवस्था व विदेश नीति से संबंधित अपने-अपने दृष्टिकोण से अमेरिकी जनता को परिचित कराया। डिबेट के बाद हुए सर्वे में 63 फीसदी लोगों ने कहा कि कमला ने ट्रंप से बेहतर परफॉर्म किया जबकि 37 फीसदी लोग ही ट्रंप की परफॉर्मेंस से खुश दिखे। चुनाव का फैसला करने वाले सात राज्यों यानी स्विंग स्टेटस में भी कमला को ट्रंप के साथ या तो बराबरी की स्थिति में या उनसे थोड़ा आगे दिखाया गया है। अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने की दावेदारी पेश करने वाली कमला में लोगों को एक सभ्य और शालीन देश के राष्ट्रपति की छवि नजर आ रही हैं। चुनाव 5 नवंबर को होने है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में प्रैसिडेशियल डिबेट की बड़ी अहम भूमिका होती है। चुनाव के दौरान होने वाली इस तरह कि डिबेट में प्रत्याशी अपना चार वर्ष का एजेंडा व अमेरिका के प्रति अपना विजन मतदाताओं के समक्ष रखते हैं। चुनावी घोषणा-पत्र की तरह काम करने वाली इस तरह की डिबेट पर न केवल अमेरिकी मतदाता बल्कि दुनिया के दूसरे देश भी टकटकी लगाए रखते है।  

यह दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट थी। इससे पहले 27 जून को मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन और ट्रंप के बीच पहली डिबेट हुई। इस डिबेट में जो बाइडन कमजोर साबित हुए। उन्होंने ट्रंप को हर मोर्चे पर घेरने की कोशिश की। डिबेट के आंरभ में जब ट्रंप कमला पर भारी पड़ते दिखे तो कमला ने पूरे आत्मविश्वास के साथ दो टूक कह दिया कि वह न तो बाइडेन है और ना ही ट्रंप। वह कमला हैरिस है, जिसके पास ऐसा प्लान है जो नए अमरिका का रास्ता खोलेगा। हैरिस के इस आत्मविश्वास और बेबाकपन को दर्शकों ने खूब पसंद किया। कमला ने पूरी बहस पर अपना कंट्रोल बनाए रखा। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बहस को 6.75 करोड़ लोगों ने देखा। भले ही बाइडन के खिलाफ  बहस में ट्रंप हावी दिखे, लेकिन दूसरी बहस में कमला ने ट्रंप पर बढ़त बना ली। बहस के दौरान अमेरिका के लोगों को कमला की बाते अधिक पंसद आई। हालांकि, ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने मंगलवार को हैरिस के साथ बहस में जीत हासिल की है। उन्होंने ट्रूथ सोशल पर लिखा कि जब कोई पेशेवर पहलवान लड़ाई हार जाता है तो उसे मुंह से निकलने वाले पहले शब्द होते है मैं दोबारा मुकाबला चाहता हूं।

बहस के दौरान ट्रंप ने दावा किया है कि वह एक दिन में रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करवा सकते हैं। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया की युद्ध रोकने के लिए उनके पास कौनसी जादुई छड़ी है। पश्चिम एशिया भी हिंसा की गिरफ्त में है। ताइवान पर चीन के आक्रमण के हालात में ट्रंप पास क्या योजना है। यद्यपि विदेश नीति के मामले में ट्रंप के दृष्टिकोण से अमेरिकी सहमत है पर महिलाओं, अप्रवासियों व विस्थापितों के प्रति उनका नजरिया बेहद प्रतिक्रियात्मक रहा है जिसे अमेरिका जैसे मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष पद के अनुरूप नहीं कहा जा सकता है। कमला ने कई बार कहा कि ट्रंप के पास कोई प्लान नहीं है। वह केवल अपनी और अमीरियत की बाते करते हैं। बहस के अंत में ट्रंप ने बाइडेन को इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति और कमला को सबसे खराब उपराष्ट्रपति बताया। पूर्व राष्ट्रपति ने बाइडेन-हैरिस प्रशासन पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने देश को नष्ट कर दिया है। लाखों अपराधी और मानसिक रूप से विक्षिप्त लोग पूरी तरह से अनियंत्रित और बिना जांच के अमेरिका में घुस रहे हैं और मुद्रास्फीति ने हमारे मध्यम वर्ग को दिवालिया बना दिया है। दोनों नेताओं के बीच हुई इस बहस को 6.75 करोड़ लोगों ने देखा। भले ही बाइडन के खिलाफ  बहस में ट्रंप हावी दिखे, लेकिन दूसरी बहस में कमला ने ट्रंप पर बढ़त बना ली। बहस के दौरान अमेरिका के लोगों को कमला की बाते अधिक पंसद आई। कमला को बहस के बाद बने माहौल का भी फायदा मिला। बहस के 24 घंटे के अंदर ही उन्होंने 47 मिलियन अमेरिकी डॉलर का चंदा मिला। उम्मीदवारी के ऐलान के बाद से यह उनकी अब तक की सबसे मजबूत फंडरेजिंग परफॉर्मेंस है। कमला हैरिस की मजबूत उम्मीदवारी के बाद उनकी जीत का अंतराल कम होता दिख रहा है। हालांकि चुनाव सर्वे में ट्रंप अभी भी आगे दिख रहे हैं। लेकिन दोनों ही प्रत्याशियों की स्थिति ऐसी नहीं है कि भारी अंतराल से जीत की भविष्यवाणी की जा सके। चुनाव का परिणाम चाहे जो भी आए, लेकिन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति वाले देश में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे दुनिया के लिए निर्णायक होंगे।

-डॉ.एन.के.सोमानी
ये लेखक के अपने विचार हैं।

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