असर खबर का - 8 माह बाद शुरू हुआ 25 लाख का सौलर सिस्टम
अब हर महीने 1 लाख का बिजली बिल हो जाएगा आधा
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क को सालाना 6 लाख की होगी बचत
कोटा। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में 25 लाख की लागत से लगा सौलर सिस्टम आखिकार 8 महीने बाद गुरुवार से शुरू हो गया है। 40 किलोवाट का यह सौलर प्रतिदिन औसत 160 यूनिट बिजली सूरज की रोशन से बनाएगा। वहीं, हर माह 4800 यूनिट बिजली बनने से बायोलॉजिकल पार्क का महीने का एक लाख का बिजली का बिल आधा रह जाएगा। बता दें, दैनिक नवज्योति ने लगातार खबर प्रकाशित कर मामले के प्रति वन्यजीव अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद अधिकारियों ने दस्तावेज से संबंधित कार्य व बकाया 10 लाख का बिजली का बिल और डिमांड राशि जमा करवाई। तब जाकर सौलर सिस्टम शुरू हो सका।
कैम्पा मद से लगा 40 किलोवाट का सौलर
कैम्पा योजना के तहत बायोलॉजिकल पार्क में 25 लाख की लागत से गत जनवरी माह में 40 किलोवॉट का सौलर सिस्टम लगाया गया था। फाउंडेशन लगने के बाद फरवरी में सौलर प्लेटें भी लगा दी गई थी। लेकिन वन्यजीव विभाग द्वारा जरूरी डॉक्यूमेंट संबंधित कार्य समय पर पूरे नहीं किए जाने व लेटलतीफी के कारण सौलर सिस्टम शुरू नहीं हो सका। जबकि, बायोलॉजिकल पार्क बजट की कमी से जूझता है। ऐसे में बकाया बिजली का बिल भी समय पर नहीं भर पाता। सर्दियों में बायोलॉजिकल पार्क का बिजली बिल 80 से 1 लाख प्रतिमाह तक रहता है, वहीं गर्मियों में बिल बढ़कर 1.20 से 1.50 लाख तक पहुंच जाता है। ऐसे में सौलर सिस्टम शुरू होने से पार्क का बिजली बिल आधा रह जाएगा।
सालाना 6 लाख की हो सकती बचत
वन्यजीव विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में 40 किलोवाट का सौलर सिस्टम शुरू हो चुका है। जिससे सालाना 6 लाख रुपए की बचत हो सकेगी। राजस्थान रील इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंस्टूमेंट लिमिटेड के अशोक कुमार ने बताया कि एक किलोवाट औसतन 3 से 4 यूनिट बिजली का उत्पादन करता है। ऐसे में चालीस किलोवाट सौलर से प्रतिदिन 160 यूनिट बिजली जनरेट होगी और सालभर में 58 हजार से अधिक यूनिट का उत्पादन होगा। ऐसे में एक यूनिट 10 रुपए चार्ज के हिसाब से बायोलॉजिकल पार्क को 5.84 लाख रुपए की बचत हो सकती है। हालांकि, सौलर से बिजली का उत्पादन सूरज के ताप पर निर्भर करता है। औसतन, विभाग को सालाना बिजली बिल में 6 लाख की बचत होने से 12 लाख का बिल आधा रह जाएगा।
हर महीने 1 लाख का बिजली बिल
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क का बिजली बिल प्रतिमाह 1 लाख से अधिक का आता है। सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों में खपत अधिक बढ़ जाती है। यहां मांसाहारी वन्यजीवों के 7 एनक्लोजर हैं, जिनके नाइट शेल्टरों में कूलिंग के लिए डक्टिंग चलाई जाती है। पानी की टंकी भरने सहित अन्य व्यवस्था के लिए नियमित मोटर चलाई जाती है। जिससे बिजली की खपत अधिक रहती है। ऐसे में सालाना बिजली बिल 12 लाख से अधिक पहुंच जाता है, जिसे भरने में विभाग को पसीने आ जाते हैं।
इनका कहना है
सौलर सिस्टम शुरू हो गया है। सर्दियों में बायोलॉजिकल पार्क का बिजली का बिल 1 लाख तो गर्मियों में करीब डेढ़ लाख का आता है। ऐसे में सौलर से जनरेट होने वाली बिजली से यह बिल आधा रह जाएगा।
- अनुराग भटनागर, डीएफओ वन्यजीव विभाग
Comment List