विकास के लिए सड़क पर जख़्म, जख़्मी हो रहे लोग
गुलाबी नगरी की सड़कें करे गुहार, ठेकेदारों की करो मनुहार
दैनिक नवज्योति ने पाठकों के आग्रह पर मौके पर जाकर सड़कों के हालात देखे और उन्हें अब पाठकों के सामने वैसे का वैसे रख दिया, ताकि समस्या का समाधान हो।
जयपुर। जयपुर में विकास कार्य काफी दु्रतगति से होते हैं। छोटे-छोटे इलाकों में अच्छी सड़कें बनी हैं, लेकिन ये सड़कें बनते ही कभी तो इन्हें तोड़ने के लिए सीवरेज वाले आ जाते हैं और कभी पीने का पानी पहुंचाने के लिए नई सड़कें ध्वस्त कर दी जाती हैं। कई बार ऐसा हुआ है जब शहर के विकसित इलाकों में घरों कोे आपूर्ति की जाने वाली एलपीजी पाइप लाइन वाली एजेंसी के लोग सड़कें तहस-नहस कर देते हैं। कई अन्य तरह की केबल डलती हैं। यह सब काम सड़क बनने से पहले हो जाएं तो सड़कें भी दुरुस्त रहें, लोग परेशान न हों, शहर की खूबसूरती बनी रहे और पैसा भी बचे।
मैं गुलाबी नगर हूं, मुझे देखने-जानने देश-विदेशों से पर्यटक आते हैं। दुनिया में मेरी छवि है, उससे इतर मेरी सड़कें बारिश के बाद खुद के आंसुओं में डूबी हैं। कुछ जगह तो टूटी सड़क को नया बनाया। कुछ ही सप्ताह बाद पाइप आए तो साढ़े पांच किलोमीटर सड़क खोद दी। लोगों ने सोचा या तो पेयजल की लाइन तैयार हो रही है या सीवरेज की, लेकिन महीनों गुजर गए, सड़क आधी काट दी गई। गड्ढ़े गहरे होते रहे, वाहन टूटते और लोग गिरते रहे और उधर पाइपों पर एक नया जंगल उग आया। अब पाइप जंग खा रहे हैं। मामला पत्रकार कॉलोनी के पास रोडूराम नगर से जयसिंहपुरा तक का है।
बीसलपुर परियोजना के तहत पेयजल लाइन डाली जा रही है।
- नरेन्द्र अग्रवाल, एक्सईएन, जेडीए श्
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