कोरोना का एक और खतरा, समय से पहले हो सकता है प्रसव
स्वस्थ बच्चे के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी, गर्भवस्था के दौरान कोरोना हुआ तो प्रीमैच्योर हो सकते हैं बेबी
प्रदेश सहित देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए भी खतरा बढ़ता जा रहा है। हाल ही में हुए शोध में पता चला है कि गर्भवस्था में कोरोना होने के कारण बच्चे का जन्म समय से पहले ही हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर हर गर्भवती महिला को वैक्सीन लगाने की सलाह दे रहे है।
कोटा। प्रदेश सहित देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए भी खतरा बढ़ता जा रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि गर्भवस्था के दौरान कोरोना होने पर महिलाओं को अस्पताल और आईसीयू में भर्ती करना पड़ सकता है। ऐसे में जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है। हाल ही में हुए शोध में पता चला है कि गर्भवस्था में कोरोना होने के कारण बच्चे का जन्म समय से पहले ही हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर हर गर्भवती महिला को वैक्सीन लगाने की सलाह दे रहे है। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भधारण करने से पूर्व ही वैक्सीन लगाने से कोरोना सहित कई बीमारियों से होने वाले बच्चे को बचाया जा सकता है। कोटा के अस्पतालों में आने वाली गर्भवती महिलाओं को कोरोना के दोनों टीके लगाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। स्त्रीरोग विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी प्रेग्नेंट महिलाए जो कोरोना संक्रमण की शिकार थी उन पर रिसर्च करने में यह परिणाम सामने आए हैं कि जो महिलाएं आईसीयू में भर्ती रही या कोरोना होने का पता प्रेग्नेंसी के 28 से 37 हफ्तों के बीच चला उनके प्रीटर्म बर्थ अधिक हुए। इस शोध के बाद से ही स्त्री रोग विशेषज्ञ वैक्सीन लगाने पर ज्यादा फोकस कर रही है।
कोरोना से समय पूर्व डिलेवरी का खतरा ज्यादा
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नेहा चित्तौड़ा ने बताया कि कोरोना संक्रमण जिस गति से फिर से फैलना शुरू हुआ ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान आईसीयू में भर्ती होने का खतरा उम्र और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोमोर्बिडिटीज पर भी निर्भर करता है। साथ ही, जो गर्भवती महिलाएं कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुकी हैं, उनमें ये खतरा बेहद कम हो जाता है। अस्पताल में भर्ती होने के साथ-साथ प्रेग्नेंट महिलाओं को कोरोना से प्रीटर्म बर्थ यानि समय से पहले जन्म का भी खतरा होता है। इससे बच्चे को भविष्य में गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं, जो आजीवन चल सकती हैं। ऐसे दोनों वैक्सीन लगवाना जरूरी है।
स्वस्थ बच्चे के लिए वैक्सीन जरूरी
गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सविता शर्मा ने बताया कि वैक्सीन प्रेग्नेंट महिला और उसके बच्चे दोनों के लिए ही जरूरी है। साथ ही, कोरोना से बचने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी करना चाहिए। इसमें मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग करना और भीड़ से बचना शामिल हैं।
प्रेग्नेंसी के पहले या उसके दौरान वैक्सीन लगवाने से कोरोना से बचा जा सकता है। अगर कोई प्रेग्नेंट महिला वैक्सीन नहीं लगवाती है, तो गर्भ में बच्चे के विकास से जुड़ी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेग्नेंट महिला कोरोना से ऐसे करें बचाव
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नेहा चित्तौड़ा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बच्चे को बचाने से पहले मां को इस संक्रमण से बचना जरूरी है। इसके लिए वहीं सभी सावधानियां बरतनी है जो कोविड प्रोटोकाल में बताई गई है।
- हाथ साफ रखना, मास्क पहना, सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना, हाथ नहीं मिलना।
- संक्रमण संदिग्ध से दूरी बनाए।
-गर्भधारण से पहले वैक्सीन की दोनों डोज लगाना जरूरी।
- भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचे।
- मां को प्रसव से पहले ही कोरोना संक्रमण हुआ है तो ऐसे में सावधानी ज्यादा रखने की जरूरत है। मां बच्चे का जन्म के बाद टेस्ट करना जरूरी है।
-नवजात में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत नई होती है। वह किसी भी तरह की बीमारी को नहीं पहचानता है इसलिए बच्चे को रोगो से बचाने के लिए वैक्सीन दी जाती है। ताकि इसकी बीमारी का हमला होने पर होने पर बच्चे का शरीर पहचान कर बचाव कर सकें।
- हृदय रोग से पीड़ित महिलाओं को ज्यादा सावधानी की जरूरत है।
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