जेजेएम का 11 राज्यों में 100 फीसदी काम, भ्रष्टाचार में टॉप राजस्थान
एसीबी तक जांच का मामला पहुंचा हो
जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के अनुसार पूर्ववर्ती सरकार में भ्रष्टाचार के चलते मिशन का प्रदेश की जनता को फायदा नहीं मिल सका। अब इसे पटरी पर लाने की दिशा में सरकार काम कर रही है।
जयपुर। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को नल से पानी मुहैया करवाने में भले ही देश के 11 राज्यों ने शत-प्रतिशत काम पूरा कर लिया हो, लेकिन राजस्थान ने भ्रष्टाचार में पहला स्थान पाया है। अर्थात पहला राज्य हैं, जिसमें मिशन में हुए करीब 900 करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार के मामले में ईडी, सीबीआई, एसीबी तक जांच का मामला पहुंचा हो। केन्द्र ने मिशन की अवधि को एक्सटेंशन करने की सैद्धांतिक सहमति तो प्रदान कर दी, लेकिन आदेश जारी नहीं हुए। राजस्थान में अब तक मिशन का 54.09 प्रतिशत काम हुआ है। जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के अनुसार पूर्ववर्ती सरकार में भ्रष्टाचार के चलते मिशन का प्रदेश की जनता को फायदा नहीं मिल सका। अब इसे पटरी पर लाने की दिशा में सरकार काम कर रही है।
जलदाय विभाग में मिशन का खौफ
हाल ही जेजेएम में भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर 22 के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अब जलदाय विभाग के अधिकारियों में भी मिशन के काम को लेकर खौफ नजर आने लगा है। मिशन की स्थिति को लेकर अधिकारी ज्यादा रूचि नहीं लेते नजर आ रहे हैं। इसके परिणाम ये है कि मिशन की उपलब्धियों में राजस्थान निचले पायदान से तीसरे स्थान पर हैं।
अपने स्तर पर काम को बढ़ाने का निर्णय
केन्द्र से बार-बार आश्वासन के बाद भी आदेश नहीं मिलने के बाद अब राज्य सरकार अपने स्तर पर मिशन के शेष कार्य को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। विभाग के अनुसार मिशन के तहत नए कामों को स्वीकृत भी किया गया है। अवधि नहीं बढ़ने से करीब 47 हजार करोड़ के कार्य प्रभावित हुए है। करीब आठ हजार करोड़ के कार्यों के तो टेण्डर होने के बावजूद वर्क आॅर्डर नहीं हो सके।
अब तक 58.01 लाख कनेक्शन
राज्य में मिशन के तहत एक करोड सात लाख 25 हजार 436 घरोंं में जल कनेक्शन देना है। इसमें से अब तक 58 लाख 01 हजार 799 घरों को कनेक्शन दिए जा चुके है। देशभर में राजस्थान का रैंकिंग में पश्चिम बंगाल और केरल के बाद निचले पायदान में तीसरे नंबर हैं।
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