यूं डूब गए अरबों रुपए पानी में
सीवरेज लाइन के लिए छलनी की जा रही सड़कें: पहले सीसी सड़क बनाई, फिर तोड़ी, पैबंद भरे,अब फिर तोड़ेंगे
सड़कों की दशा बिगड़ने पर वह देखने में तो बुरी लग ही रही है साथ ही उन पर से गुजरने वाले वाहनों को भी हादसों का खतरा बना हुआ है।
कोटा । ये तो कुछ उदाहरण मात्र हैं शहर की उन सीसी रोड की जिन्हें सीवरेज लाइन डालने के लिए खोदा जा रहा है। शहर में ऐसी कोई सड़क नहीं है जिसे सीवरेज लाइन के लिए नहीं खोदा गया हो। इतना ही नहीं डामर सड़क को तो जैसे-जैसे पेचवर्क कर और नया बनाकर सही भी कर दिया गया लेकिन सीसी रोड की हालत इतनी अधिक खराब हो रही है कि उन्हें एक बार खोदने के बाद वैसा दोबारा नहीं बनाया जा रहा है। उन पर या तो सीसी का ही या डामर का पेचवर्क कर इतिश्री की जा रही है। लेकिन वह भी सही ढंग से नहीं की जा रही। जिससे सड़कों की दशा बिगड़ने पर वह देखने में तो बुरी लग ही रही है साथ ही उन पर से गुजरने वाले वाहनों को भी हादसों का खतरा बना हुआ है।
दृश्य-1 किशोरपुरा क्षेत्र में आशापुरा माता मंदिर के सामने सीवरेज लाइन डालने के लिए करोड़ों रुपए से बनी सीसी रोड को बेरहमी से खोदा जा रहा है। जिससे एक तरफ का आधा रास्ता ही बंद किया हुआ है। इससे पहले इसी रोड पर पूर्व में लाइन डालने के बाद सही ढंग से सीसी नहीं करने से सड़क की दुर्दशा हो रही है।
दृश्य-2 छावनी रामचंद्रपुरा में सीवरेज लाइन डालने के लिए पूर्व में खोदी गई सीसी सड़क को सही ढंग से नहीं बनाया गया। जिससे उस सड़क पर डामर से किए गए पेचवर्क की अनोखी आकृति सी बन गई है। साथ ही सड़क बीच से खुदी होने से उस पर से वाहन चालकों को निकलने पर हादसे का खतरा बना रहता है।
दृश्य-3 विज्ञान नगर मुक्ति धाम से पीएफ कार्यालय के सामने वाली सड़क पर कुछ समय पहले सीवरेज लाइन डाली गई थी।उसके बाद उस सड़क पर पेचवर्क तो किया लेकिन वह इस तरह से किया गया है कि जिससे वहां से वाहनों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पहले आरयूआईडीपी और अब निगम-केडीए खोद रहा
सड़कों को छलनी करने का काम नया नहीं है। ऐसा पिछले कई सालों से हो रहा है। पिछले कई सालों से शहर में चल रहे सीवरेज लाइन डालने केकाम के चलते शहर की अधिक सड़कें खुदी हुई थी। मेन रोड से लेकर गली मौहल्लों तक की सड़कों से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया था। जैसे-तैसे आरयूआईडीपी द्वारा किए जा रहा वह काम पूरा होने से लोगों राहत तो ली लेकिन अब सड़कों को सीवरेज के लिए खोदने का काम नगर निगम व केडीए कर रहा है। हालांकि यह काम केडीए के पास अधिक है। आरयूआईडीपी ने जिन सड़कों को खोदा था उन्हें भी पेचवर्क करके ही छोड़ दिया। जिससे उनकी मिट्टी धसने या बीच में गड्ढ़े होने से उसका खामियाजा आमजन को ही भुगतना पड़ रहा है।
18 करोड़ की पेराफेरी रोड खोद रहे
नगर निगम दक्षिण की ओर से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दशहरा मैदान के चारों तरफ 18 करोड़ रुपए से पेराफेरी रोड बनाई गई थी।लेकिन हालत यह है कि यह सुविधा अधिक समय तक नहीं रही। पहले किशोरपुरा से आशापुरा माताजी मंदिर रोड तक सीसी रोड को खोदकर सीवरेज लाइन डाली गई थी। अब लाइन डालने के लिए सीसीरोड खोदी जा रही है। वहीं कुछ समय पहले डोल्फिन पार्क सीएडी रोड से शाक्ति नगर होते हुए किशोरपुरा मुक्ति धाम के सामने की तरफ पेराफेरी रोड को सीवरेज लाइन के लिए ही खोदा गया था। जिससे 18 करोड़ की पेराफेरी रो छलनी हो गई है। इतना ही नहीं बारां रोड स्थित सरस्वती कॉलोनी में भीकुछ समय पहले सीसीरोड बनाई गईथी। लेकिन अब वहां पानी की पाइप लाइन डालने केलिए उस सड़क को ही खोद दिया। हालांकि उस सड़क को फिर से सही करने का प्रयास किया लेकिन वैसी सड़क दोबारा नहीं बनने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छावनी रामचंद्रपुरा, नई धानमंडी, पुरानी सब्जीमंडी व नयापुरा समेत अधिकतर क्षेत्रों की सड़कों की यही दशा है।
समन्वय का अभाव, कार्रवाई हो
बार-बार सड़क खोदने के मामले में शहर वासियों ने इसे गलत बताया है। विज्ञान नगर निवासी कपिल शर्मा का कहना है कि विभागों में समंवय का अभाव है। एक बार सड़क बनने के बाद दोबारा खोदना गलत है। यदि कोई विभाग ऐसा करता है और बिना स्वीकृति के करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। गोपाल विहार निवासी देवेन्द्र नागर का कहना है डामर से मजबूत होने के कारण ही शहर में सीसी रोड बनाई गई थी। जिन्हेंआसानी से नहीं खोदा जा सकता। लेकिन हालत यह हैकि सीवरेज लाइन डालने के लिए उन सड़कों को भी मशीनों से बीच से ऐसा खोदा गया जिससे उन पर दो पहिया वाहनों का चलना तक मुश्किल हो रहा है। काम के लिए सड़क खुदे तो उसे फिर से वैसा ही बनाना चाहिए। छावनी निवासी हरीश कुमार का कहना है कि सीसी रोड खराब होने के बाद सही नहींहो पाती। काम करना जरूरी है तो उस काम के बाद सड़क को सही करना भी जरूरी होना चाहिए।
समन्वय का अभाव, बार बार खोद रहे सड़कें
शहर के सरकारी विभागों में ही आपस में समंवय का अभाव है। पहले संबंधित एजेंसी सड़क बनाती है। उसके कुछ समय बाद दूसरी एजेंसी गैस लाइन डालने के लिए, तीसरी एजेंसी पानी की लाइन डालने के लिए, चौथी एजेंसी बिजली की लाइन डालने के लिए और एक अन्य एजेंसी सीवरेज लाइन डालने के लिए सड़कों को खोद रहे है। वह भी बिना किसी से पूछे और अनुमति लिए हुए। जिसका खामियाजा आमजन को ही भुगतना पड़ रहा है। दो दिन पहले भी श्रीनाथपुरम् में खम्बा गाड़ने के लिए गड्ढ़ा खोदा जा रहा था। उस दौरान घरों में सप्लाई होने वाली गैस की लाइन टूट गई। जिससे गैस लीकेज होने लगी। समय रहते लीकेज को सही कर दिया वरना बड़ा हादसा होसकता था।
दशहरा मैदान के चारों तरफ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 18 करोड़ रुपए से पैराफेरी रोड बनाई गई थी। पिछले भाजपा बोर्ड में इस रोड को बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इससे दशहरा मैदान के आस-पास बरसाती पानी भरने की समस्या का समाधान किया गया था। लेकिन इस रोड पर सीवरेज लाइन डालने का काम नगर निगम का नहीं है।
- ए.क्यू कुरैशी, अधिशाषी अभियंता, नगर निगम कोटा दक्षिण
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