मातृभाषा गौरव को अपने राष्ट्र निर्माण का मूल आधार मानना होगा: देवनानी
बड़ी संख्या में भाषा विशेषज्ञ, शिक्षक, शोधार्थी और अभिभावक शामिल हुए
परिचर्चा की प्रस्तावना माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो. भरतराम कुम्हार ने रखी और कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विद्या भारती के संगठन मंत्री शिवप्रसाद थे।
जयपुर। विद्या भारती और राजस्थान विश्वविद्यालय के सामाजिक अपवर्जन एवं समावेशी नीति अध्ययन केंद्र ने ‘विकसित भारत के लिए मातृभाषी गौरव’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत की यात्रा केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं हो सकती, इसे वाकई सफल बनाने के लिए हमें मातृभाषा गौरव को अपने राष्ट्र निर्माण का मूल आधार मानना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय भाषाओं के सम्मान और प्रसार के लिए प्रतिबद्ध दिखाई देती है।
परिचर्चा की प्रस्तावना माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो. भरतराम कुम्हार ने रखी और कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विद्या भारती के संगठन मंत्री शिवप्रसाद थे।
शिवप्रसाद ने कहा कि मातृभाषा केवल संचार का माध्यम नहीं बल्कि हमारी सोच और चेतना की आधारशिला है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान विवि की कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जयपुर जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने भी सम्बोधित किया। सी एस एस ई आई पी के निदेशक और आयोजन सचिव रोहित कुमार जैन ने बताया कि कार्यक्रम में मातृभाषा गौरव पुस्तिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाषा विशेषज्ञ, शिक्षक, शोधार्थी और अभिभावक शामिल हुए।
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