राजस्थान से गुजरने वाले नेशनल हाईवे पर 65 ब्लैक स्पॉट
608.83 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है
कई यूटर्न पर हमेशा हादसे का अंदेशा, 500 मीटर दूर पर बन रहे क्लोवर लीफ के कारण शुरू किया गया था यह कट
जयपुर। राजस्थान से गुजरने नेशनल हाइवेज पर 65 ब्लैक स्पॉट हैं, जिनकी तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने की एनएचएआई ने मुहिम चला रखी है। हालांकि पहले फेज में 40 स्पॉट का काम हाथ में लिया गया, जिनमें से अभी करीब 36 पर काम जारी है। इसके साथ ही 25 ब्लैक स्पॉट को दूसरे चरण में शामिल किया गया है, जिसके दुरुस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए 608.83 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। जिस कट पर हादसा हुआ, ये टेम्परेरी तौर पर शुरू किया गया, जिसे रिंगरोड के पास क्लोवर लीफ बनने के बाद बंद करने का प्लान है।
पांच हाईवे पर खतरनाक स्पॉट
एनएचएआई ने जिन स्पॉट की खामियां दूर करने की सेकंड फेज में योजना स्वीकृत की है, उसमें जयपुर-टोंक-देवली एनएच-52, सवाईमाधोपुर-पिंडवाड़ा-उदयपुर एनएच-27, किशनगढ़-अजमेर-ब्यावर एनएच 48, किशनगढ़-गुलाबपुरा एनएच-79 और चित्तौड़गढ़-उदयपुर एनएच 76 शामिल है, जिन पर खतरनाक ब्लैक स्पॉट हैं।
रिंग रोड पर जाने के लिए खतरनाक
डीपीएस स्कूल के पास अजमेर से जयपुर आने वाले हाइवे से यू टर्न लेकर रिंगरोड पर जाने के लिए हमेशा हादसों वाला पाइंट बना हुआ है। यू टर्न के कारण ज्यादातर समय ट्रैफिक जाम की भी स्थिति बनी रहती है। हालांकि इस जगह पर क्लोवर लीफ को लेकर भी प्लान बना है, लेकिन अभी इससे राहत मिलना दूर है।
किशनगढ़-अजमेर-ब्यावर हाईवे पर छह स्पॉट
एनएच-48 अर्थात किशनगढ़-अजमेर-ब्यावर के बीच छह ब्लैक स्पॉट खतरनाक स्थिति में हैं, जिनको एनएचएआई ने चिह्नित किया है। हालांकि इन पर अभी काम होना शेष है। एनएच-48 में चिह्नित स्पॉट छिडया वाबडी, टाबीजी, पीपलाज, माजेरा, नागाडिया, भैरोघाटी स्थान शामिल हैं।
स्टेट हाईवे पर 30 स्पॉट चिह्नित
राजस्थान राज्य राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से सड़क सुरक्षा की दृष्टि से दुर्घटना की संभावना वाले चिह्नित 30 ब्लैक स्पॉट को सुधारने के लिए 21.72 करोड़ के कार्य प्रगति पर हैं। इनका कार्य जनवरी 2025 तक पूर्ण किया जाना है। इसके अतिरिक्त चार सड़कों पर 20.34 करोड़ की लागत से सड़क सुरक्षा सुधारीकरण के कार्य प्रगति पर हैं।
रिंगरोड के पास अभी रिंग का काम चल रहा है, ऐसे में हादसे वाला कट टेम्परेरी तौर पर खुला है, जो करीब 50 मीटर की दूरी पर है। ब्लैक स्पॉट पर कार्य जारी है।
-डी.के. चतुर्वेदी,
क्षेत्रीय अधिकारी, एनएचएआई
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