दौसा की दरी, गंगापुर का खीरमोहन, झालावाड़ का संतरा और दस जिलों के ग्रेनाइट-मार्बल को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बाजार
‘एक जिला-एक उत्पाद’ के तहत 50 जिलों के उत्पाद चिह्नित
राज्य के समस्त जिलों की ओर से अपने जिले से संबंधित निर्यात क्षमता वाले उत्पादों को सुनिश्चित कर दिया है
जयपुर। वैसे तो प्रदेश के कई जिलों के ऐसे उत्पाद हैं, जो देश-दुनिया में प्रसिद्ध हैं, लेकिन राज्य सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद की थीम को अंतर्राष्ट्रीय बाजार मुहैया करवाने के लिए एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) पॉलिसी जारी की है। इससे दौसा की दरी, गंगापुर का खीरमोहन, झालावाड़ का संतरा और दस जिलों का ग्रेनाइट-मार्बल को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जाएगा। इस पॉलिसी के तहत प्रत्येक जिले से निर्यात क्षमता वाले उत्पादों और सेवाओं की पहचान करना और उन्हें बढ़ावा देना और प्रत्येक जिले को एक संभावित निर्यात केन्द्र के रूप में बदलना है। राज्य के समस्त जिलों की ओर से अपने जिले से संबंधित निर्यात क्षमता वाले उत्पादों को सुनिश्चित कर दिया है।
जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी बनेगी
पॉलिसी के तहत एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर एक टास्क फोर्स गठित होगी। इसके साथ ही एक स्टेट लेवल रिव्यू कमेटी भी गठित होगी, जो एमएसएमई के नए प्रोजेक्ट की लागत को वेरीफाई करेगी और मंच मुहैया कराएगी। नए एंटरप्राइजेज क्रिएशन के लिए प्रोजेक्ट लागत की 25 प्रतिशत राशि अर्थात 15 लाख रुपए तक सब्सिडी देय होगी। ओडीओपी माइक्रो एण्ड स्माल यूनिट एससी-एसटी के लिए 35 साल की आयु पर पांच लाख का अतिरिक्त सब्सिडी देय होगी।
मेले-प्रदर्शनी में मिलेगा सहयोग
किसी भी जिले के किसी उत्पाद को अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मेले व प्रदर्शनी में डिस्प्ले करने के लिए न्यूनतम 50 हजार या स्टॉल का 75 प्रतिशत किराया दिया जाएगा। यह एक वित्तीय वर्ष में तीन बार देय होगा। इसके अलावा फेयर में जाने के लिए थ्री-एसी ट्रेन और बस का दो व्यक्तियों का किराया भी दिया जाएगा। इसी तरह फेयर व प्रदर्शनी आयोजित करने पर दो लाख या 75 प्रतिशत राशि स्टॉल रेंट की देय होगी। एक साल में यह एक बार ही देय होगी।
कारीगरों की आय वृद्धि में सहायक: सीएम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पॉलिसी को लेकर मानना है कि राज्य के जिलों के विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देने के लिए ओडीओपी नीति लाई गई है, जिससे कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और उत्पाद निर्माताओं की आय में वृद्धि होगी।
ओडीओपी का फण्ड बनेगा
जिलों के उत्पाद को अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मंच पर प्रसिद्धी दिलाने के लिए एक फंड का गठन किया जाएगा। इसके जरिए ट्रेनिंग, वर्कशॉप आदि के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। पॉलिसी की क्रियान्विति को लेकर स्टेट लेवल रिव्यू कमेटी होगी, जिसमें एसीएस चैयरमेन होंगे और रीको, राजसिको, बीआईपी, कृषि विभाग के अधिकारी सदस्य होंगे। इसी तरह जिला स्तरीय टास्क फोर्स में जिला कलक्टर चेयरमेन होंगे, जबकि चार अन्य सदस्य होंगे।
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