अहमदाबाद में कोरोना नियमों के साथ निकली जगन्नाथ रथ यात्रा, अमित शाह ने मंगला आरती में लिया भाग

अहमदाबाद में कोरोना नियमों के साथ निकली जगन्नाथ रथ यात्रा, अमित शाह ने मंगला आरती में लिया भाग

गुजरात में अहमदाबाद के ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ मंदिर की सालाना रथ यात्रा को इस बार कोरोना महामारी के चलते सरकारी आदेश पर कोरोना कर्फ्यू के बीच निकाला गया। इस बार रथ यात्रा मात्र चार घंटे यानी एक तिहाई समय में ही पूरी हो गई जबकि सामान्य वर्षों में इसमें 12 से 14 घंटे का समय लगता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हर साल की तरह इस बार भी सुबह 4 बजे सपरिवार मंगला आरती में भाग लिया।

अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद के ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ मंदिर की सालाना रथ यात्रा को इस बार कोरोना महामारी के चलते सरकारी आदेश पर कोरोना कर्फ्यू के बीच निकाला गया। इस बार रथ यात्रा मात्र चार घंटे यानी एक तिहाई समय में ही पूरी हो गई जबकि सामान्य वर्षों में इसमें 12 से 14 घंटे का समय लगता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हर साल की तरह इस बार भी सुबह 4 बजे सपरिवार मंगला आरती में भाग लिया। इसके बाद करीब 7 बजे रथों की रवानगी से पहले पहले मंदिर में सोने की झाड़ू लगाने की पहिंद विधि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने की। पूरी यात्रा कोरोना प्रोटोकॉल के अनुरूप आयोजित हुई। करीब 14 किमी लंबे रथ यात्रा मार्ग पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की व्यापक व्यवस्था और तैनाती थी। 15 ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी के जरिए भी निगरानी की जा रही थी। रथ यात्रा करीब चार घंटे में ही 11 बजे निज मंदिर वापस लौट आई। इस दौरान कही कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

बता दें कि राज्य सरकार ने इस बार कई शर्तों के साथ रथ यात्रा निकालने की मंजूरी दी थी। इससे पूर्व हर साल की तरह कौमी एकता की शानदार मिसाल पेश करते हुए रविवार को स्थानीय मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने मंदिर के महंत को चांदी से बना रथ का मॉडल सौंपा था। ओडिशा की पुरी रथ यात्रा के बाद देश में दूसरी सर्वाधिक इस रथ यात्रा के 143वें वार्षिक संस्करण का पिछले साल कोरोना के चलते गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर विधिवत आयोजन नहीं हो सका था। तब केवल मंदिर परिसर में ही रथ यात्रा का सांकेतिक आयोजन किया गया था।

144 वीं रथ यात्रा के आज के आयोजन के दौरान करीब 14 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग के पूरे इलाके में यानी सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू रहा। इस दौरान प्रसाद वितरण नहीं हुआ। रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के तीन रथनुमा वाहन और मंदिर महंत का वाहन समेत केवल 5 वाहनों ने ही भाग लिया। इस दौरान ट्रकों, भजन मंडलियों, अखाड़ों, हाथी आदि को भाग लेने की अनुमति नहीं थी। रथ को खींचने वाले खलासियों के लिए टीके की एक डोज और अधिकतम 48 घंटे पुरानी नेगेटिव कोरोना आरटी पीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य था।

ज्ञातव्य है कि गुजराती कैलेंडर के हिसाब से आषाढी बीज यानी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की दूसरी तिथि को निकलने वाली अहमदाबाद की रथ यात्रा में आम दिनों में लाखों श्रद्धालु शिरकत करते हैं। यात्रा पुराने शहर के जमालपुर स्थित मंदिर से अल सुबह निकलकर सरसपुर में भगवान के मौसी के घर जाती है और दोपहर को वह थोड़ी देर विश्राम (जब वह लाखों लोगों को भोजन जैसा प्रसाद दिया जाता है) के बाद देर शाम तक वापस लौटती है। इस दौरान लाखों लोगों का हुजूम सड़क पर रहता है। यात्रा मार्ग के साम्प्रदायिक रूप से बेहद संवेदनशील होने के कारण सुरक्षा के लिए हजारों पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जाती है। पूर्व में रथ यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा की भी घटनाएं होती रही हैं।

 

जगन्नाथ रथ यात्रा की कोविंद ने दी बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। कोविंद ने ट्वीट करके कहा कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों, विशेष रूप से ओडिशा में सभी श्रद्धालुओं को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि मैं कामना करता हूं कि प्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद से सभी देशवासियों का जीवन सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य से परिपूर्ण बना रहे।

मोदी ने जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट संदेश में कहा कि रथ यात्रा के विशेष अवसर पर सबको शुभकामनाएं। हम भगवान जगन्नाथ का नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनके आशीर्वाद से सभी स्वस्थ रहें तथा सब के जीवन मे समृद्धि आए। जय जगन्नाथ।

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