अडाणी ने बेटे जीत की शादी पर लिया सेवा का संकल्प, समाज सेवा के लिए 10,000 करोड़ रुपए किए दान
शादी में केवल परिवार के सदस्य और करीबी
बेटे की शादी के अवसर पर दान किए 10,000 करोड़ रुपए में से बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च किया जाएगा।
अहमदाबाद। अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी ने अपने बेटे जीत की शादी के उपलक्ष्य पर सेवा का संकल्प लिया और समाज सेवा के लिए 10,000 करोड़ रुपए दान किए। अडाणी ने अपने छोटे बेटे जीत की शादी के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखे संदेश में अपनी बहू को ‘बेटी दिवा’ कहकर संबोधित किया और लिखा कि परमपिता परमेश्वर के आशीर्वाद से जीत और दिवा आज विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए। यह विवाह आज अहमदाबाद में प्रियजनों के बीच पारंपरिक रीति रिवाजों और शुभ मंगल भाव के साथ संपन्न हुआ। यह एक छोटा और अत्यंत निजी समारोह था, इसलिए हम चाह कर भी सभी शुभचिंतकों को आमंत्रित नहीं कर सके, जिसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं। मैं आप सभी से बेटी दिवा और जीत के लिए स्नेह और आशीष का हृदय से आकांक्षी हूं।
शादी में केवल परिवार के सदस्य और करीबी
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि शादी शुक्रवार दोपहर, अहमदाबाद के बेल्वेडियर क्लब, अडाणी शांतिग्राम टाउनशिप में संपन्न हुई, जहां जीत अडाणी और हीरा कारोबारी जैमिन शाह की बेटी दिवा शादी के बंधन में बंध गए। शादी पूरी तरह से पारंपरिक रूप से संपन्न हुई। सामान्य धार्मिक अनुष्ठानों और पारंपरिक गुजराती समारोह में केवल करीबी रिश्तेदार और दोस्त शामिल हुए। शादी में राजनेता, बड़े कारोबारी, फिल्मी सितारे, नौकरशाह और अन्य कोई प्रमुख हस्तियां शामिल नहीं हुई।
अडाणी एयरपोटर्स के निदेशक हैं जीत
जीत अडाणी इस समय अडाणी एयरपोटर्स के निदेशक हैं और छह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों का प्रबंधन देख रहे हैं, साथ ही नवी मुंबई में बन रहे सातवें हवाई अड्डे की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज से पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि महाकुंभ मेले की यात्रा के दौरान अडानी ने कहा था कि उनके बेटे की शादी ‘सादगी और पारंपरिक तरीके’ से होगी। उन्होंने न केवल शादी को साधारण रखा, बल्कि समाज सेवा के लिए 10,000 करोड़ रुपये भी दान किए।
यहां खर्च होगा दान का पैसा
बेटे की शादी के अवसर पर दान किए 10,000 करोड़ रुपए में से बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च किया जाएगा। इस पहल से समाज के सभी वर्गों को किफायती विश्व स्तरीय अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, शीर्ष स्तरीय के-12 स्कूलों और सुनिश्चित रोजगार क्षमता के साथ ग्लोबल स्किल एकेडमी के नेटवर्क तक पहुंच प्रदान होगी।
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