मनरेगा खत्म करने के विरोध में कांग्रेस का देशव्यापी प्रदर्शन, फूंका केंद्र सरकार का पुतला
27 दिसंबर को कांग्रेस कार्यसमिति में बनेगी आगे की रणनीति
मनरेगा की जगह वीबी जी-राम-जी विधेयक लाने के विरोध में कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन शुरू किया। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने रोजगार के कानूनी अधिकार को खत्म किया है। इस मुद्दे पर 27 दिसंबर को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में रणनीति तय होगी।
नई दिल्ली। सरकार के मनरेगा की जगह वीबी जी-राम-जी विधेयक पारित करने के खिलाफ कांग्रेस आज देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है और इस पर उसकी आगे की रणनीति तय करने के बारे में 27 दिसंबर को यहां पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में विचार किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया है और रोजगार गारंटी के इस अधिकार को अनुग्रह में बदल दिया है।
वेणुगोपाल ने कहा, मनरेगा का काम करने का एक कानूनी अधिकार था, न कि कोई कल्याणकारी योजना। इसकी निधि सीमित और नियंत्रण केंद्रीकृत कर इसकी मांग-आधारित प्रकृति को बदलकर, भाजपा ने इस अधिकार को बजट पर निर्भर योजना में बदल दिया है, जिससे करोड़ों ग्रामीण परिवार असुरक्षा और संकट में धकेल दिये गये हैं। इसके विरोध में कांग्रेस आज देश भर के जिला मुख्यालयों में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रही है और उन श्रमिकों के साथ खड़ी है जिनकी आजीविका और गरिमा पर हमला हो रहा है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि काम के अधिकार पर इस गंभीर हमले को लेकर पार्टी की कार्यसमिति की 27 दिसंबर को होने वाली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। इस मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेता जहां विचार-विमर्श करेंगे वहीं इसकी आगे की रणनीति और कार्रवाई के बारे में भी निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कार्य समिति की बैठक के अगले दिन 28 दिसंबर को कांग्रेस स्थापना दिवस पर कार्यकर्ता महात्मा गांधी के चित्र को लेकर देशभर के मंडलों और पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित करेंगे और नागरिकों के लिए आदर्शों, न्याय, गरिमा और काम के अधिकार के संवैधानिक वादे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करेंगे।

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