NEET Exam में 0.001% भी लापरवाही हुई हो तो स्वीकार करें, एक्शन लें: Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, अगर धोखाधड़ी करने वाला कोई व्यक्ति डॉक्टर बन जाए तो वह समाज के लिए और अधिक हानिकारक होगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम जानते हैं कि ऐसी परीक्षाओं की तैयारी में कितनी मेहनत लगती है, हम समय पर कार्रवाई चाहते हैं।
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गंभीर अनियमितताओं के आरोपों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 रद्द कर इसे दोबारा आयोजित कराने की मांग वाली एक याचिका पर मंगलवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से कहा कि भले ही किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई हो, उसे स्वीकार करें और विद्यार्थियों में आत्मविश्वास जगाने के लिए उचित समय पर उचित कार्रवाई कर इस मामले से पूरी तरह निपटाया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने ये टिप्पणियां करते हुए केंद्र और एनटीए के अधिवक्ता से कहा कि ऐसी स्थिति की कल्पना करें, अगर धोखाधड़ी करने वाला कोई व्यक्ति डॉक्टर बन जाए तो वह समाज के लिए और अधिक हानिकारक होगा। हम जानते हैं कि ऐसी परीक्षाओं की तैयारी में कितनी मेहनत लगती है। हम समय पर कार्रवाई चाहते हैं।
आपको निष्पक्षता से काम करना चाहिए
शीर्ष अदालत ने पांच मई, 2024 को परीक्षा आयोजित कर चार जून 2024 को परिणाम घोषित करने वाली एनटीए को नसीहत देते हुए कहा कि एक एजेंसी के रूप में आपको निष्पक्षता से काम करना चाहिए। यदि कोई गलती हुई है तो ‘हां’ कहें, यह एक गलती है और हम यह कार्रवाई करने जा रहे हैं। कम से कम यह आपके काम में विश्वास जगाता है।
एनटीए आत्ममंथन करे
न्यायमूर्ति नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एनटीए इस मामले में आत्ममंथन करे। केंद्र और एनटीए से कहा कि वे निष्पक्षता से काम करें और अगर नीट यूजी 2024 में कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें और छात्रों में आत्मविश्वास जगाने के लिए उचित कार्रवाई करें।
केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी
पीठ ने कथित तौर पर परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र सार्वजनिक होने और परीक्षा की तैयारियों में अन्य अनियमितताओं के कारण नीट यूजी 2024 को रद्द करने की मांग वाली इस याचिका पर केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा। शीर्ष अदालत इस मामले में अगली सुनवाई अन्य संबंधित याचिकाओं के साथ आठ जुलाई को करेगी।

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