भाजपा में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष फरवरी तक, 15 जनवरी तक 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव
लोस-विस चुनाव के चलते कार्यकाल बढ़ा
भाजपा में जल्द ही संगठन स्तर पर बड़ा फेरबदल होने वाला है। नए साल में जनवरी के आखिरी या फरवरी के पहले हफ्ते में पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है
नई दिल्ली। भाजपा में जल्द ही संगठन स्तर पर बड़ा फेरबदल होने वाला है। नए साल में जनवरी के आखिरी या फरवरी के पहले हफ्ते में पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। पार्टी के संविधान के मुताबिक इससे पहले 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन के चुनाव पूरे कराने हैं। इसके अलावा 15 जनवरी तक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। संगठन चुनाव को लेकर रविवार को दिल्ली में पार्टी की बैठक हुई, जिसमें इन चुनावों को लेकर चर्चा हुई। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा सभी राष्ट्रीय महासचिव और संगठन चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी मौजूद रहे।
लोस-विस चुनाव के चलते कार्यकाल बढ़ा
जेपी नड्डा को जून, 2019 में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष और जनवरी, 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है। इस लिहाज से नड्डा का कार्यकाल 2023 में खत्म हो चुका है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। भाजपा के संविधान के मुताबिक कोई व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल तक लगातार अध्यक्ष रह सकता है। नड्डा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाने के बाद उनके दोबारा अध्यक्ष बनने की संभावना खत्म हो चुकी है। इसकी वजह भाजपा का एक व्यक्ति-एक पद नियम है। बैठक की शुरूआत में 2 मिनट का मौन रखकर पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।
ये है बीजेपी का संगठनात्मक ढांचा
बीजेपी का पूरा संगठन राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय स्तर तक तकरीबन सात भागों में बंटा है। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश स्तर पर प्रदेश परिषद और प्रदेश कार्यकारिणी होती हैं। इसके बाद क्षेत्रीय समितियां, जिला समितियां, मंडल समितियां होती हैं। फिर ग्राम और शहरी केंद्र होते हैं और स्थानीय समितियों का भी गठन होता है। स्थानीय समिति पांच हजार से कम की जनसंख्या पर गठित होती है।
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