वैज्ञानिकों ने खोजी ‘सुपर अर्थ’ : हमारी पृथ्वी से दोगुना बड़ी और 4 गुना ज्यादा भारी, नया ग्रह धरती से करीब 154 प्रकाश वर्ष दूर
यहां का एक्सपेक्टेड टेम्प्रेचर 568.1 केल्विन है
इसकी उम्र 7.2 अरब साल हो सकती है। वहीं इसे अपने सोलर सिस्टम के तारे का चक्कर पूरा करने में करीब 4 दिन लगते हैं। अनुमान है कि यहां का एक्सपेक्टेड टेम्प्रेचर 568.1 केल्विन है।
नई दिल्ली। मोरक्को के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की सैटेलाइट की मदद से धरती के जैसे एक ‘सुपर अर्थ’ की खोज की है। नया ग्रह धरती से करीब 154 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों ने इसे टीओआई-1846 बी नाम दिया है। यह आकार में भी पृथ्वी से दोगुना बड़ा और चार गुना ज्यादा भारी है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस ग्रह पर पानी मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया है कि इसकी उम्र 7.2 अरब साल हो सकती है। वहीं इसे अपने सोलर सिस्टम के तारे का चक्कर पूरा करने में करीब 4 दिन लगते हैं। अनुमान है कि यहां का एक्सपेक्टेड टेम्प्रेचर 568.1 केल्विन है।
रेडियल वेलोसिटी से पता लगाएंगे पानी है या नहीं
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस सुपर अर्थ पर भरपूर पानी हो सकता है। हालांकि, इसकी सटीक जानकारी के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है। वैज्ञानिकों ने बताया कि टीओआई-1846 बी की संरचना जानने के लिए रेडियल वेलोसिटी का इस्तेमाल होगा। रेडियल वेलोसिटी के जरिए बेहतर तरीके से यह पता लगाया जा सकेगा कि ग्रह पर पानी मौजूद है या नहीं है।
इस साल मिली दूसरी सुपर अर्थ
इसी साल की शुरुआत में वैज्ञानिकों ने एचडी 20794 डी नाम के एक सुपर अर्थ की खोज की थी। यह पृथ्वी से छह गुना ज्यादा भारी है। इस ग्रह की सतह पर भी पानी होने का अनुमान है। यह धरती से 20 प्रकाश वर्ष दूर है। यह एक तारे की परिक्रमा करता है। हालांकि,पृथ्वी की तरह इसका आॅर्बिट गोल नहीं है। इसलिए ऐसा कहना मुश्किल है कि इस पर जीवन की संभावना हो सकती है।

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