शीतकालीन सत्र के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे का BJP पर हमला, संसद में ‘ड्रामेबाजी’ का लगाया आरोप

मल्लिकार्जुन खरगे ने साधा पीएम मोदी पर निशाना

शीतकालीन सत्र के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे का BJP पर हमला, संसद में ‘ड्रामेबाजी’ का लगाया आरोप

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर संसद सत्र शुरू होने से पहले गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि सरकार ने कई विधेयक बिना चर्चा जल्दबाजी में पारित किए और बेरोजगारी, महंगाई जैसे असली मुद्दों से बच रही है।

नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि, उन्होंने संसद भवन परिसर में शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले मुद्दों की बात करने की बजाय 'ड्रामेबाजी' कर फिर संसद की मर्यादा को तोडऩे करने का काम किया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को सोशल मीडिया एक्स पर पीएम मोदी के संसद भवन परिसर में दिए बयान पर कहा कि, उन्होंने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने की बजाय फिर से 'ड्रामेबाजी की डिलीवरी' की है। असलियत यह है कि, संसदीय मर्यादा और संसदीय प्रणाली को पिछले 11 साल से सरकार ने लगातार और कैसे तारतार किया है उसकी फेहरिस्त लंबी है।

इसके आगे उन्होंने लिखा, पिछले मानसून सत्र में ही कम से कम 12 विधेयक जल्दबाजी में पारित कर दिए गए, कुछ 15 मिनट से भी कम समय में और कुछ बिना किसी चर्चा के। पूरे देश ने पहले भी देखा है किस तरह आपने किसान विरोधी काले क़ानून, जीएसटी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे विधेयक संसद में आनन-फानन में ध्वस्त किये। इसी संसद में जब मणिपुर का मुद्दा उठा, तो आप तब तक चुप रहे, जब तक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया।

इसके आगे मल्लिकार्जुन खरगे ने मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा उठाया और कहा कि, एसआईआर प्रक्रिया में काम के बोझ के कारण बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) लगातार जान दे रहे हैं। विपक्ष, 'वोट चोरी' सहित अन्य मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहता है और संसद में हम इसे लगातार उठाएंगे। भाजपा को अब ध्यान भटकाने का ड्रामा खत्म करना चाहिए और जनता के असली मुद्दों पर संसद में बहस करनी चाहिए। सच्चाई यही है कि आम आदमी बेरोजगारी, महँगाई, आर्थिक असमानता और देश के बहुमूल्य संसाधनों की लूट से जूझ रहा है और सत्ता में बैठे लोग, सत्ता के अहंकार में ड्रामेबाजी का खेल, खेल रहे हैं।

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