सी.पी.राधाकृष्णन ने कहा, जीएसटी लागू होने से पूरा देश बना एक बाजार
मोदी युग में आर्थिक सशक्तिकरण: उपराष्ट्रपति ने किया पुस्तक का विमोचन
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने सांसद सिकंदर कुमार की पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने बुधवार को कहा कि मौजूदा सरकार की आर्थिक नीतियों की वजह से आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद देश एक बाजार के रूप में उभरा है।
हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार की पुस्तक मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तिकरण का यहां उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में विमोचन करते हुए राधाकृष्णन ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों की वजह से देश 2047 में विकसित राष्ट्र के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। देश में जीएसटी लागू होने से आज पूरा देश एक साझा बाजार बनकर उभरा है। इसका सीधा लाभ छोटे और मझौले व्यापारियों तथा किसानों को मिल रहा है। आज पंजाब का किसान अपनी उपज केरल में बेच सकता है और हिमाचल प्रदेश का हथकरघा व्यापारी अपना सामान तमिलनाडु भेज सकता है। इसके लिए सभी प्रक्रियाएं बिना किसी परेशानी के घर बैठे ही पूरी हो जाती हैं।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक नीतियों की वजह से आज भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर है। उपराष्ट्रपति ने जनधन खातों की जिक्र करते हुए कहा कि जीरो बैलेंस के साथ बैंक खाते खोलने से हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा मिल सकी है और आज समाज के निचले तबके के करोड़ों रुपये बैंक खातों में जमा हैं। इन बैंक खातों की वजह से आज केंद्र और राज्य सरकारों की अनुदान योजनाओं की पूरी राशि सीधे गरीबों के खातों में जमा हो रही है और बिचौलिये तथा दलालों की भूमिका खत्म हो गयी है। डीबीटी के माध्यम से 47 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के खातों में हस्तांतरित किये जा चुके हैं।
किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए श्री राधाकृष्णन ने कहा कि आज किसानों को उनके जमीन अधिग्रहण के लिए पहले की बजाय तिगुनी कीमत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि बिजली का राष्ट्रीय ग्रिड बनने से आज देश में बिजली की कटौती खत्म हो गई है और जनरेटर युग भी समाप्त हो गया है। कुमार ने कहा कि जब पीएम मोदी ने सत्ता संभाली थी तो मुद्रास्फीति की दर 10 प्रतिशत थी और राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 प्रतिशत पर था और रोजगार के साधन नगण्य थे। वहीं, मौजूदा सरकार के समय विकास दर सात-आठ प्रतिशत है। जीडीपी में विनिर्माण का हिस्सा 15.7 प्रतिशत से बढ़कर अब 17 प्रतिशत हो गया है जो साल 2030 तक बढ़कर 25 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा।

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