ट्रम्प के व्यापार शुल्क संबंधी फैसलों से रुपया, अन्य मुद्राएं दबाव में, प्रभावित हो सकते हैं बाजार
आठ पैसे की गिरावट की गई थी दर्ज
वैश्विक बाजार की अनिश्चिताओं के बीच बीते समाप्त अमेरिकी डाॅलर के मुकाबले रुपए पर लगातार दबाव बना रहा।
नई दिल्ली। देश के वृहद आर्थिक संकेतों की मजबूती और मुद्रास्फीति में नरमी के बावजूद वैश्विक बाजार की अनिश्चिताओं के बीच बीते समाप्त अमेरिकी डाॅलर के मुकाबले रुपए पर लगातार दबाव बना रहा और यह आलोच्य सप्ताह के दौरान कुल मिला कर 46.30 रुपए कमजोर रहा। बाजार में इस समय अमेरिका में आयात शुल्क के निर्णयों से अनिश्चिता बढ़ गई है और कारोबारियों को भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर घोषणा की प्रतीक्षा है। जुलाई में स्थानीय शेयर बाजारों की कुल मिला कर बिकवाली बने रहने का भी रुपए पर असर पड़ा है। अमेरिका में आयात शुल्क दरों पर अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से सप्ताह के दौरान की गयी घोषणाओं से बाजार सहमे हुए हैं। इस बीच विश्व की प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डालर की मजबूती से भी रुपए पर दबाव बढ़ा है। सप्ताह के दौरान जापानी येन, कनाडायी डालर और यूरो अमेरिकी डॉलर के समक्ष नीचे आ गए थे। ब्रिटेन का पौंड वहां की अर्थव्यवस्था में मई में संकुचन की रिपोर्ट के बाद दो सप्ताह के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था।
डिजिटल मुद्राओं का बाजार है गर्म : ट्रम्प सरकार की नीतियों से बिटकायन जैसी डिजिटल मुद्राओं का बाजार गर्म है। बाजार को लगता है कि ऐसी मुद्राओं के कारोबार को आने वाले समय में मजबूत वैधानिक मान्यता मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप सरकार के निकट के लोगों की एक कंपनी ने हाल में पाकिस्तान में डिजिटल करेंसी और ब्लाक चेन प्रौद्योगिकी का करार किया है। अमेरिका का व्यापार घाटा कम करने तथा घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के अपनी लक्ष्यों के तहत ट्रम्प ने बांग्लादेश, म्यांमार, जापान, इंडोनेशिया, सिंगापुर समेत करीब 15 देशों पर ऊंची दर से प्रशुल्कों की घोषणा की जो पहली अगस्त से लागू किए जाएंगे। उन्होंने कनाडा के खिलाफ 35 प्रतिशत और ब्राजील के खिलाफ राजनीतिक कारणों से 50 प्रतिशत का शुल्क घोषित कर दिया है।
आठ पैसे की गिरावट की गई थी दर्ज :
अमेरिका में तांबे और औषधियों पर आयात शुल्क बढ़ाने के बारे में राष्ट्रपति ट्रम्प की घोषणाओं, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितताओं और वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में सुधार के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में बुधवार को करीब आठ पैसे की गिरावट दर्ज की गई थी। जबकि मंगलवार को 10 पैसे की मजबूती दर्ज की गई। राष्ट्रपति ट्रम्प ने अप्रैल में विभिन्न देशों पर 10 प्रतिशत के मूल शुल्क के ऊपर ऊंची दर से जवाबी शुल्क लगाने की घोषणाएं की थी। भारत पर 26% शुल्क लगाने की घोषणा की गई थी। ट्रम्प ने इनका कार्यान्वयन 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया था और यह समय सीमा नौ जुलाई को समाप्त हो रही है।
प्रभावित हो सकते हैं बाजार :
सप्ताह मैक्सिको और यूरोपीय संघ पर 30 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने के ट्रम्प के ताजा फैसले से इस सप्ताह भी फारेक्स बाजार प्रभावित हो सकते हैं। यूरोपीय संघ और मैक्सिको ने अमेरिका के फैसले को अनुचित बताया है और इस पर बातचीत करने की अपनी मंशा दोहराते हुए जवाबी कार्रवाई का भी संकेत दिया है। ऐसा होता है तो विश्व व्यापार प्रभावित होगा तथा मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा। सप्ताह के दौरान रुपया सोमवार को 42.50 पैसे तेज गिरावट से 85.8150 पर बंद हुआ। उससे पिछले सप्ताह शुक्रवार को रुपया मजबूत हो कर 85.39 पर बंद हुआ था। इस सप्ताह शुक्रवार को रुपया वैश्विक व्यापार परिदृश्य को लेकर व्याप्त अनिश्चितताओं और स्थानीय शेयर बाजारों में लगातार गिरावट के बीच करीब 27 पैसे की तेज गिरावट के साथ 85.8536 प्रति डॉलर के स्तर कमजोर हो गया।

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