बीसीसीआई ने जारी किए सख्त नियम, गाइडलाइन के उल्लंघन पर हो सकता है आईपीएल बैन
बीसीसीआई ने 10 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की
टीम में अनुशासन, एकता और सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करने के लिए बीसीसीआई ने 10 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की है।
नई दिल्ली। टीम में अनुशासन, एकता और सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करने के लिए बीसीसीआई ने 10 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की है। इसका पालन नहीं करने पर न केवल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, बल्कि खिलाड़ी का केन्द्रीय अनुबंध समाप्त करते हुए आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में खेलने पर प्रतिबंध भी लग सकता है। यह गाइडलाइन गुरूवार को खिलाड़ियों को भेजी गई, जिसमें पिछले सप्ताह हुई रिव्यू मीटिंग की सलाह शामिल हैं।
न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज और फिर आस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद रिव्यू मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर, टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर सहित बीसीसीआई के नए सचिव बने देवजीत सैकिया भी शामिल थे।
लंबे दौरे पर परिवार के लिए सिर्फ दो हफ्ते :
कोरोना के बाद लंबे दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों की उपस्थिति बहुत सामान्य बात हो गई है, लेकिन बीसीसीआई ने इसे फोकस प्रभावित होने का एक संभावित कारण माना है। नई गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई दौरा 45 दिनों का है तो खिलाड़ियों के पार्टनर और बच्चे 14 दिन से अधिक नहीं रुक सकते।
परिवार का खर्चा उठाना होगा खिलाड़ियों को :
परिवार लंबे दौरे पर सिर्फ एक बार ही आ सकता है, जिसके खर्चों का ख्याल खिलाड़ी को ही रखना होगा। परिवार को ले जाने के लिए भी कोच, कप्तान और बीसीसीआई के जनरल मैनेजर ऑपरेशंस से अनुमति लेनी होगी। बीसीसीआई सिर्फ शेयर्ड एकमोडेशन की व्यवस्था करेगा, बाकी खर्चे खिलाड़ी को ही देने होंगे। इसके अलावा अगर कोई परिवार तय समय से अधिक रुकता है तो वह खर्चा भी खिलाड़ी ही देगा।
खिलाड़ी अब अलग से यात्रा नहीं कर सकेंगे :
रिव्यू मीटिंग में कहा गया था कि कुछ खिलाड़ी मैच या अभ्यास के लिए टीम बस की जगह अलग से यात्रा करते हैं। इससे टीम का अनुशासन भंग होता है। इसके अलावा कुछ खिलाड़ी अभ्यास सत्रों में ग्रुप के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, जिससे टीम का माहौल खराब होता है। बीसीसीआई ने कहा है कि अगर किसी खिलाड़ी को किन्हीं विशेष परिस्थितियों में मैच या ट्रेनिंग के लिए अलग से यात्रा करनी है तो उन्हें मुख्य कोच या मुख्य चयनकर्ता से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा उन्हें अभ्यास सत्र में पूरे समय रहना होगा, भले ही उनकी ट्रेनिंग पहले समाप्त हो गई हो। दौरों पर भी खिलाड़ियों को परिवार के साथ अलग से यात्रा करने की बजाय टीम के साथ ही यात्रा करने का सुझाव दिया गया है।
पर्सनल स्टाफ :
बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि खिलाड़ियों को अपने व्यक्तिगत स्टाफ सीमित करने होंगे। इसमें मैनेजर, शेफ, सहायक, सोशल मीडिया टीम और सुरक्षा गॉर्ड शामिल हैं। इससे लॉजिस्टिकल चुनौतियां कम होंगी। बीसीसीआई ने यह भी सलाह दी है कि सीरीज या दौरे के दौरान खिलाड़ी कोई व्यक्तिगत शूट ना करें और फोकस सिर्फ क्रिकेट पर रखें।
घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना अनिवार्य :
बीसीसीआई ने फिर से दोहराया है कि खिलाड़ी ख़ुद को घरेलू क्रिकेट के लिए उपलब्ध रखें। अगर ऐसा नहीं होता है तो वे अंतरराष्ट्रीय मैचों में चयन और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे। अपरिहार्य परिस्थितियों और चयन समिति की अनुमति के बाद ही किसी खिलाड़ी को इसमें छूट मिल सकती है।
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