बतौर गेंदबाजी ऑलराउंडर अपनी भूमिका समझता हूं : शार्दुल ठाकुर
कहा- टीम को मुझसे कुछ उम्मीदें हैं, इसीलिए मुझे चुना गया है
शार्दुल ने कहा, जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं टीम की सफलता में योगदान देने की कोशिश करता हूं। जब भी मैं खेलता हूं तो बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी हो या क्षेत्ररक्षण, मेरा विचार यही रहता है।
तारोबा। शार्दुल ठाकुर भले ही भारतीय टीम में बतौर ऑलराउंडर अपनी भूमिका बखूबी समझते हों, लेकिन उनका ध्यान लोगों की वाहवाही हासिल करने पर बिल्कुल नहीं है।
प्रतिभावान हरफनमौला शार्दुल ने मंगलवार को तीसरे वनडे में वेस्ट इंडीज के चार विकेट चटकाते हुए भारत की 200 रन की विशाल जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने इस सीरीज में 11.62 की औसत से सर्वाधिक आठ विकेट लिये और मात्र 5.31 की इकॉनमी से रन दिये।
शार्दुल को इस सीरीज में बल्ले से अपना जौहर दिखाने का मौका नहीं मिला, लेकिन वह जानते हैं कि निचले क्रम में उनकी •ारूरत कभी भी पड़ सकती है।
शार्दुल ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, पिछले कुछ वर्षों में हमारी बल्लेबाजी गहरी रही है। निचले क्रम में बल्लेबाजी करने वाले एक ऑलराउंडर के रूप में मेरा काम महत्वपूर्ण हो जाता है। बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए या एक अच्छा स्कोर खड़ा करने के लिये अगर आप तेजी से रन बनाने की कोशिश करते हैं तो एक या दो विकेट गिर सकते हैं। अगर आपका नंबर आठ और नंबर नौ सेट बल्लेबाज के साथ योगदान दे सकता है, तो इससे मदद मिलती है। इसलिये यह भूमिका महत्वपूर्ण है।'
उन्होंने कहा, जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं टीम की सफलता में योगदान देने की कोशिश करता हूं। जब भी मैं खेलता हूं तो बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी हो या क्षेत्ररक्षण, मेरा विचार यही रहता है।
जब शार्दुल से उनको योगदान के लिये मिलने वाले श्रेय पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा कि मुझ पर ध्यान है या नहीं। कौन मुझे देख रहा है, कौन नहीं। भारत के पास कई बेहतरीन खिलाड़ी हैं। कई बार ऐसा होगा जब पिच स्पिनरों के लिये अनुकूल होगी , वे खेलेंगे। अगर तेज गेंदबाजों के लिये कुछ मदद है, तो मुझे इसमें योगदान देने का मौका मिलेगा।
शार्दुल ने कहा कि टीम में खेलने का मौका मिलना इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि टीम प्रबंधन उन पर भरोसा करता है।
उन्होंने कहा, टीम को मुझसे कुछ उम्मीदें हैं, इसीलिए मुझे चुना गया है और मुझे खेलने के मौके मिल रहे हैं। यह मुझ पर टीम के विश्वास का संकेत है कि मुझे ये मौके मिल रहे हैं। हम इन्हीं मौकों का इंतजार करते हैं। अगर मैं किसी सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करता हूं तो मुझे आत्मविश्वास मिलता है, अगर नहीं कर पाता को अनुभव मिलता है। अगर आप प्रदर्शन नहीं करते हैं और इसे असफलता के रूप में देखते हैं, तो आपकी सोच गलत है।
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