बेटा भारत का कप्तान, बेटी ने भी किया देश का प्रतिनिधित्व
दुष्यंत का लक्ष्य अब एफआईबी अंडर-21 वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतना है
वालीबॉल के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रामावतार सिंह जाखड़ का सपना था कि उनके बच्चे भी इस खेल में देश का नाम रोशन करें।
वालीबॉल के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रामावतार सिंह जाखड़ का सपना था कि उनके बच्चे भी इस खेल में देश का नाम रोशन करें। पिता के कड़े अनुशासन और मेहनत के दम पर बेटा दुष्यंत जहां भारत की सीनियर टीम का कप्तान बना है, वहीं बेटी मिमांसा सिंह जूनियर एशियन चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करने के बाद अब डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है। मिमांसा एमबीबीएस के बाद अब गायनोकोलॉजी में पीजी कर रही है। दुष्यंत का कहना है कि वालीबाल का खेल उन्हें विरासत में मिला। परिवार में कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं। सवाई मानसिंह स्टेडियम कोर्ट्स पर खेल की शुरुआत की। पापा के कड़े अनुशासन के चलते खेल में कभी कोई रियायत नहीं मिली। शुरुआत में तो सिर्फ ग्राउण्ड पर पानी डालना और सीनियर्स को देखना ही रहता था। दुष्यंत ने कहा कि मैंने हमेशा पापा को आदर्श मानकर कड़ी मेहनत की और उसी का नतीजा है कि भारतीय सीनियर टीम की कप्तान का गौरव मिला। दुष्यंत एबीसी कप में भारत की सीनियर टीम और एशियन जूनियर अंडर-20 चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता भारतीय टीम का नेतृत्व कर चुका है। दुष्यंत का लक्ष्य अब एफआईबी अंडर-21 वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतना है।

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