महिला आरक्षण लागू करने की सरकार की नीयत नहीं : कांग्रेस करेगी विरोध-प्रदर्शन, अलका लाम्बा ने कहा- संसद पर बनाएंगे दबाव
भाजपा सरकार की नीयत इसे लागू करने के बजाय महिलाओं के साथ धोखा करने की
महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लाम्बा ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा ने संसद तथा विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित कर दिया है।
नई दिल्ली। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लाम्बा ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा ने संसद तथा विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित कर दिया है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की नीयत इसे लागू करने के बजाय महिलाओं के साथ धोखा करने की है, जिसके खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया जाएगा। लाम्बा ने यहां कांगेस के नए मुख्यालय इंदिरा भवन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिला इस देश की आधी आबादी है। जब भी देश में कोई महिला ये कहे कि मैं अबला हूं, बेचारी हूं, अन्याय-अत्याचार की शिकार हूं, मुझे न्याय चाहिए, तो उसके मन में महिला कांग्रेस का नाम आना चाहिए। जब इंदिरा ने महिला कांग्रेस की स्थापना की थी, तो उनकी सोच महिलाओं को सिर्फ राजनीतिक तौर पर आगे बढ़ने की नहीं थी, बल्कि उनकी सोच हासिए पर खड़ी बेटी और बहन को न्याय दिलाना था।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश की आधी आबादी के लिए जो शानदार काम किया है, वह पूरा देश जानता है। आज इस देश में 15 लाख बहनें ऐसी हैं, जो पंच, सरपंच, पार्षद, वार्ड अध्यक्ष और मेयर हैं। हमें इन 15 लाख बहनों तक पहुंचना होगा और यह बताना होगा कि उन्हें यह मुकाम दिलाने में राजीव गांधी का कितना बड़ा योगदान है।
महिला कांग्रेस अघ्यक्ष ने कहा कि आज पूरा विश्व, पूरा देश अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है। आज प्रदेश की सरकारें महिलाओं को सम्मानित कर रहीं हैं, जो कि अच्छी बात है। लेकिन अगर उन्हीं राज्यों में नाबालिग बच्चियों के साथ अपराध होता है तो उन मां, बहन, बेटियों पर क्या गुजरती होगी, जो अन्याय-अत्याचार का शिकार हैं। यह उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दिए, लेकिन दूसरे राजनीतिक दलों ने इन बहनों के सामने धन-बल का इस्तेमाल किया। परिणाम कुछ भी रहे हों लेकिन मैं प्रियंका को सलाम करूंगी कि उन्होंने हार नहीं मानी और आज भी वे महिलाओं की भागीदारी के लिए लड़ाई लड़ रही हैं।
राजीव गांधी और सोनिया गांधी का सपना और प्रयास ही था कि महिला आरक्षण कानून को राज्यसभा में पारित करवा दिया था। फिर भाजपा सरकार आई और इन्होंने 10 साल तक चर्चा नहीं की, जब पूरी कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरी, महिला कांग्रेस ने दबाव बनाया, तब आखिर में भाजपा सरकार को झुकना पड़ा और 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस और इंडिया समूह के समर्थन से महिला आरक्षण कानून पारित हुआ। लेकिन सिर्फ पारित हुआ है, यह कानून लागू क्यों नहीं होता। यह अन्याय है, आधी आबादी के साथ धोखा है।
लाम्बा ने सरकार पर इस कानून को लागू करने के लिए दबाव की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि हम सभी 10 मार्च, 2025 को सुबह 10 बजे दिल्ली के जंतर-मंतर से संसद पर दबाव बनाएंगे। मेरा आपसे निवेदन है, आप अपने राज्यों के लोकसभा तथा राज्यसभा सांसदों से संपर्क करिए। उन सांसदों से कहिए कि जो कानून आप लोगों ने पास किया है, वह लागू भी होना चाहिए।

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