विफल परीक्षा प्रणाली की जवाबदेही तय करें सरकार : बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ स्वीकार नहीं करेगी कांग्रेस, सैलजा ने कहा- दोषियों पर हो कार्रवाई
बेरोजगारों के साथ न्याय करना चाहिए
यह कोई तकनीकी चूक नहीं, बल्कि एक अनियमितता प्रशासनिक तंत्र का उदाहरण है। इस प्रकार के कार्य से युवाओं को परेशानी के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
चंडीगढ़। कांग्रेस महासचिव सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि देश की प्रतिष्ठित एसएससी परीक्षा में बार-बार देखने को मिल रही अनियमिततायें और गड़बड़ियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान भाजपा सरकार परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से संचालित करने में पूरी तरह असफल रही है। सैलजा ने कहा कि बार-बार विफल हो रही परीक्षा प्रणाली की जवाबदेही सरकार को तय करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। कांग्रेस बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि हाल ही में अनेक अभ्यर्थियों को 400-500 किलोमीटर दूर के परीक्षा केंद्रों पर भेजा गया और वहां पहुंचते ही उन्हें सूचना दी गयी कि परीक्षा रद्द कर दी गयी है।
यह कोई तकनीकी चूक नहीं, बल्कि एक अनियमितता प्रशासनिक तंत्र का उदाहरण है। इस प्रकार के कार्य से युवाओं को परेशानी के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसके अलावा जब दूसरे पेपर में पूर्व प्रश्न दोहराये गये और छात्रों ने आपत्ति जतायी, तो एसएससी ने यह कहकर टालने की कोशिश की है कि बच्चे सरप्राइज हो जाते हैं। क्या यही है परीक्षा की गंभीरता और जवाबदेही है। उन्होंने कहा कि अगर कोई गलती हुई है, तो एसएससी को उसकी जिम्मेदारी लेते हुए युवा बेरोजगारों के साथ न्याय करना चाहिए।
सांसद सैलजा ने कहा कि जो प्रश्न गलत होते हैं, उन्हें चैलेंज करने के लिए छात्रों से शुल्क लिया जाता है। इसमें साफ- साफ गलती सरकार की होती है, लेकिन सरकार अपनी गलती के बावजूद छात्रों से वसूली करती है, जो सरासर अन्याय है। उन्होंने सांसद सैलजा ने सरकार से मांग की है कि एसएससी सहित सभी राष्ट्रीय परीक्षाओं के संचालन में पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाये, परीक्षा केंद्र तय करने की प्रक्रिया को स्थिर और भरोसेमंद बनाया जाये, पेपर लीक और प्रश्नों की दोहराव जैसी चूकों पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाये, छात्रों से ली जाने वाली आपत्ति शुल्क को समाप्त किया जाये।

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