भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त को सताने लगा भारत के हमले का खौफ, अब्दुल बासित ने कहा- भारत ने यदि हमला किया तो पाक देगा करारा जवाब
हमले को लेकर शुरू किया प्रोपेगैंडा
पाकिस्तान को एक बार फिर बालाकोट की तरह भारत की बड़ी कार्रवाई का डर सता रहा है
इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बर्बर हमले के बाद पाकिस्तान खौफ में है। पाकिस्तान को एक बार फिर बालाकोट की तरह भारत की बड़ी कार्रवाई का डर सता रहा है। आतंकी हमले के कुछ घंटों बाद ही सोमवार शाम से पाकिस्तान के एयरस्पेस में पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों की हलचल असामान्य रूप से बढ़ी हुई नजर आई है। फ्लाइटरेडार24 वेबसाइट के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। रक्षा विशेषज्ञों के बीच भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इस बीच भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने भारत को गीदड़भभकी देकर डराने की कोशिश की है।
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मुझे यकीन है कि पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी भारतीय दुस्साहस (हमले) को नाकाम करने के लिए इस्लामाबाद हर संभव कदम उठा रहा है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि इस बार पाकिस्तान की प्रतिक्रिया बहुत कठोर होगी।
हमले को लेकर शुरू किया प्रोपेगैंडा
बासित की टिप्पणी से एक बात साफ हो गई है कि पाक को भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई का अंदेशा हो गया है और उसके बयानों में ये बात नजर भी आने लगी है। इसके पहले इन्हीं अब्दुल बासित ने सोमवार को आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा फैलाने की कोशिश की थी, जिसमें घटना पर ही सवाल उठा दिए थे। बासित ने एक पोस्ट में आतंकवादी हमले को सेटअप बताते हुए कहा, कश्मीरी मुजाहिदीन कभी भी नागरिकों को निशाना नहीं बनाते।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने दिया जहरीला बयान: इसके पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिमों को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगला था। पाकिस्तानी टीवी चैलन को फोन पर दिए एक इंटरव्यू में आसिफ ने कहा, दिल्ली में जो हुकूमत है, उसके खिलाफ बगावत हुई पड़ी है।
ये घर में पनपा हुआ है। लोग हक मांग रहे हैं। हिंदुत्व हुकूमत जो लोगों का शोषण कर रही है, अल्पसंख्यकों को, जिनमें मुसलमान भी हैं, ईसाई भी हैं, बौद्ध भी हैं, उसके खिलाफ बगावत है। जो वहां पर हो रहे हैं। हमारा इसके साथ कोई ताल्लुक नहीं है। हम किसी भी सूरत में आतंकवाद को कहीं भी सपोर्ट नहीं करते हैं।

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