महाराष्ट्र में 465 एकड़ भूमि से हटया गया अवैध कब्जा, लोग बोले - लाखों का रोजगार छिना
आग की घटनाओं के कारण यह कदम उठाया गया है
इस कार्रवाई के चलते लगभग एक से दो लाख लोगों का रोजगार छिन गया है। चिखली-कुदलवाड़ी में 8 फरवरी से यह अभियान चल रहा है और इसे जारी रखने की योजना है।
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे के पिंपरी-चिंचवड को औद्योगिक शहर कहा जाता है, लेकिन इसी क्षेत्र के चिखली और कुदलवाड़ी में अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई चल रही है। अब तक 465 एकड़ भूमि से 2,845 अनधिकृत निर्माण और पत्रा शेड हटाए जा चुके हैं। इस क्षेत्र में कई छोटे और बड़े व्यवसाय चलते थे, जहां लाखों लोगों को रोजगार मिलता था। इस कार्रवाई के चलते लगभग एक से दो लाख लोगों का रोजगार छिन गया है। चिखली-कुदलवाड़ी में 8 फरवरी से यह अभियान चल रहा है और इसे जारी रखने की योजना है।
नगर आयुक्त शेखर सिंह ने बताया कि नदी प्रदूषण और लगातार लग रही आग की घटनाओं के कारण यह कदम उठाया गया है। इस कार्रवाई से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है, क्योंकि इस क्षेत्र में ज्यादातर कबाड़खाने थे, जिन पर हजारों परिवारों का रोजगार निर्भर था। स्थानीय कारोबारियों और श्रमिकों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। उनका कहना है कि वो पिछले 25 सालों से कारोबार कर रहे थे और महानगर पालिका को कर भी देते थे, फिर अचानक इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि स्क्रैप गोदामों को स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए बाधा माना जा रहा है।
कारोबारियों और श्रमिकों ने किया विरोध
लघु उद्यमी संघ के अध्यक्ष संदीप बेलसरे ने कहा कि यह अमानवीय और क्रूर कार्रवाई है, जिससे हजारों लोग बेघर और बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या महानगर पालिका और प्रशासन इस नुकसान की भरपाई करेगा।
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