1885 में हुआ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का निर्माण, ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 18वीं सदी में स्वयं को किया था स्थापित
सीधा आधिपत्य ब्रिटेन की राजशाही का हो गया
दशकों बाद नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस निर्माण हुआ।
नई दिल्ली। यूरोपीय व्यापारियों ने 17वीं सदी से ही भारतीय उपमहाद्वीप में जमना आरम्भ कर दिया था। अपनी सैन्य शक्ति में बढ़ोतरी करते हुए ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 18वीं सदी के अन्त तक स्थानीय राज्यों को अपने वशीभूत करके अपने आप को स्थापित कर लिया था। 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारत सरकार अधिनियम 1858 के अनुसार भारत पर सीधा आधिपत्य ब्रिटेन की राजशाही का हो गया। दशकों बाद नागरिक समाज ने धीरे-धीरे अपना विकास किया और इसके परिणामस्वरूप 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस निर्माण हुआ।
प्रथम विश्वयुद्ध- यह समय ब्रितानी के काल के रूप में जाना जाता है ,जिसमें मोंटेगू,चेम्सफोर्ड गिना जाता है, लेकिन इसे भी रोलेट एक्ट की तरह दबाने वाले अधिनियम के रूप में देखा जाता है ,जिसके कारण भारतीय समाज सुधारकों द्वारा स्वशासन का आवाह्न किया गया। इसके परिणामस्वरूप महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों तथा राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलनों की शुरूआत हो गई।
1930 का दशक- इस दौरान ब्रितानी कानूनों में धीरे-धीरे सही हुआ,परिणामी चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की,अगला दशक राजनीतिक उथल पुथल वाला रहा, द्वितीय विश्व युद्ध में भारत की सहभागिता,कांग्रेस द्वारा असहयोग का अन्तिम फैसला और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा मुस्लिम राष्ट्रवाद का उदय हुआ, 1947 में स्वतंत्रता के समय तक राजनीतिक तनाव बढ़ता गया। इस उपमहाद्वीप के आनन्दोत्सव का अंत भारत और पाकिस्तान के विभाजन के रूप में हुआ।
स्वतंत्रता व बंटवारा-15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता की घोषणा
- गवर्नमेंट हाउस पर गवर्नर जनरल और मंत्रियों का शपथ समारोह
- संवैधानिक सभा की और मंत्रियों का प्रस्थान
-संवैधानिक सभा तक स्टेट ड्राइव
- गवर्नर जनरल को शाही सलाम
-संवैधानिक सभा में राष्ट्रीय ध्वज को फहराना
- इंडिया गेट पर झंडा समारोह
-आतिश बाजी प्रदर्शन
-गवर्नमेंट हाउस पर आधिकारिक रात्रि भोज
कुछ रोचक तथ्य
भारत को 15 अगस्त,1947 में ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली ,यह पूरे देश के लिए गर्व और खुशी का दिन था,आजादी के इसी महोत्सव को हर साल 15 अगस्त के दिन देशभर में धूम के साथ मनाया जाता है,साथ ही यह दिन उन स्वतंत्रता सैनानियों की कुर्बानी याद करने का है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
- आजादी के बाद 15 अगस्त 1947 को पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया था,इसके बाद से ही हर साल स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराकर देशवासियों को संबोधित करते हैं।
-पहली बार भारत का झंडा कलकत्ता के पारसी बगान स्क्वैर में 1906 में फहराया गया था,इस झंडे पर धार्मिक चिन्ह बने थे और आठ गुलाब थे जिनपर वंदे मातरम् लिखा था।
- साल 2002 से पहले भारत की आम जनता को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अलावा राष्टÑीय ध्वज फहराने की इजाजत नहीं थी,इसके बाद 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैग कोड में बदलाव कर लोगों को कभी भी झंडा फहराने की मंजूरी दे दी।
- भारतीय ध्वज खादी का ही बना होना चाहिए।

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