मन की बात कार्यक्रम : पीएम मोदी ने दोहराया 'वोकल फॉर लोकल' का मंत्र, कहा- महिला नेतृत्व भारत का नया भविष्य बनाने को तैयार
आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात 123 वीं कड़ी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि 'महिला नेतृत्व विकास का मंत्र देश का नया भविष्य बनाने को तैयार है और महिलाएं समाज की नयी दिशा तय कर रही है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि 'महिला नेतृत्व विकास का मंत्र देश का नया भविष्य बनाने को तैयार है और महिलाएं समाज की नयी दिशा तय कर रही है। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 123 वीं कड़ी में कहा कि देश के कोने-कोने में ऐसी ही अनगिनत महिलाएं, अपना और देश का भाग्य बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि 'महिला नेतृत्व विकास का मंत्र' भारत का नया भविष्य गढऩे के लिए तैयार है। हमारी माताएं, बहनें, बेटियां आज सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए नई दिशा बना रही हैं।
प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाओं की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि ये महिलाएं कभी खेतों में मजदूरी करती थीं। रोजी-रोटी के लिए दिन-भर मेहनत करती थीं। आज वही महिलाएं बाजरा - श्रीअन्न से बिस्किट बना रही है और 'भद्राद्री मिलेट मैजिक' नाम से ये बिस्किट हैदराबाद से लंदन तक जा रहे हैं। इन्होंने 'गिरि सैनिटरी पैड्स बनाना शुरू किया। सिर्फ 3 महीने में 40,000 पैड्स तैयार किए और उन्हें स्कूलों और आसपास के ऑफिसों में पहुँचाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक के कलबुर्गी की महिलाओं ने ज्वार की रोटी को एक ब्रांड बना दिया है। इन्होंने सहकारी समिति बनाई है और उसमें हर रोज तीन हजार से ज्यादा रोटियाँ बन रही हैं। उन्होंने कहा कि 'इन रोटियों की खुशबू अब सिर्फ गाँव तक सीमित नहीं है। बेंगलुरु में विशेष दुकान खुल चुकी है। इसका बहुत शानदार असर इन महिलाओं पर पड़ा है और उनकी आय बढ़ रही है।
मोदी ने मध्यप्रदेश की सुमा उइके का उल्लेख किया। उन्होंने मशरूम की खेती से अपने जीवन में बदलाव किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व श्रम संगठन सराह रहे हैं भारत की उपलब्धियां : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आंख की बीमारी ट्रेकोमा से भारत मुक्त घोषित हो गया है और इसके साथ ही देश में सामाजिक सुरक्षा के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसके लिए वैश्विक संगठन हमारी उपलब्धियां की तारीफ कर रहा है।
उन्होंने कहा 'पहली उपलब्धि आँखों की बीमारी ट्रेकोमा के ईलाज से जुड़ी है जो बैक्टीरिया से फैलती है। एक समय था जब यह बीमारी आम थी और ध्यान नहीं दिया गया तो इससे धीरे- धीरे आँखों की रोशनी तक चली जाती थी। हमने संकल्प लिया है कि ट्रेकोमा को जड़ से खत्म करेंगे और मुझे आपको ये बताते हुए बहुत खुशी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित कर दिया है। अब भारत ट्रेकोमा मुक्त देश बन चुका है और यह उन लाखों लोगों की मेहनत का फल है, जिन्होंने बिना थके, बिना रुके, इस बीमारी से लड़ाई लड़ी।
प्रधानमंत्री ने 'स्वच्छ भारत अभियान' को भी इस उपलब्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इसे मिटाने में 'जल जीवन मिशन का भी बड़ा योगदान रहा है। आज जब घर-घर नल से साफ पानी पहुँच रहा है तो ऐसी बीमारियों का खतरा कम हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात की सराहना की है कि भारत ने बीमारी से निपटने के साथ-साथ उसके मूल कारणों को भी दूर किया है।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक ताजा रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी बड़ी अहम बात यह है कि इसमें कहा गया है कि भारत की 64 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को अब कोई-ना-कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ जरूर मिल रहा है। आज देश के लगभग 95 करोड़ लोग किसी-न-किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ पा रहे हैं जबकि, 2015 तक 25 करोड़ से भी कम लोगों तक सरकारी योजनाएं पहुँच पाती थी।
मोदी ने दोहराया 'वोकल फॉर लोकल' का मंत्र
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' का मंत्र दोहराते हुए कहा है कि इससे भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि ''भारत जिस तरह अपनी क्षेत्रीय, भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है उसी तरह, कला, शिल्प और कौशल की विविधता भी हमारे देश की एक बड़ी खूबी है। प्रत्येक क्षेत्र में कोई एक विशेष वस्तु स्थानीय स्तर पर बहुत महत्व रखती है।
उन्होंने कहा कि मेघालय का एरी सिल्क ऐसी ही एक वस्तु है। इसका स्थानीय स्तर पर आदिवासी समाज उत्पादन करता है। इसे कुछ दिन पहले ही भू संकेतक मिला है। यह सिल्क मेघालय के लिए एक धरोहर की तरह है। स्थानीय जनजातियों ने, खासकर खासी समाज के लोगों ने पीढिय़ों से इसे सहेजा भी है और अपने कौशल से समृद्ध भी किया है। इस सिल्क की कई ऐसी खूबियाँ हैं जो इसे बाकी कपड़े से अलग बनाती हैं।
उन्होंने कहा कि '' इस सिल्क को जो रेशम के कीड़े बनाते हैं, उसे हासिल करने के लिए कीड़ों को मारा नहीं जाता है, इसलिए इसे, अहिंसा सिल्क भी कहते हैं। आजकल दुनिया में ऐसे उत्पाद की मांग तेजी से बढ़ रही है जिनमें हिंसा न हो, और प्रकृति पर उनका कोई दुष्प्रभाव न पड़े, इसलिए, मेघालय का एरी सिल्क वैश्विक बाजार के लिए एक उचित उत्पाद है।
मोदी ने कहा कि ये सिल्क सर्दी में गरम करता है और गर्मियों में ठंडक देता है। इसकी ये खूबी इसे ज्यादातर जगहों के लिए अनुकूल बना देती है। मेघालय की महिलाएं अब स्वयं सहायता समूह के जरिए अपनी इस धरोहर को और बड़े पैमाने पर आगे बढ़ा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा,'' मैं मेघालय के लोगों को एरी सिल्क को भू संकेतक मिलने पर बधाई देता हूँ। मैं आप सबसे भी अपील करूंगा कि आप भी एरी सिल्क से बने कपड़ों को जरूर देखें। उन्होंने कहा कि खादी, हथकरघा, हस्तशिल्प और वोकल फॉर लोकल को भी अपनाया जाना चाहिए।
मोदी ने कहा कि '' ग्राहक भारत में बने उत्पाद ही खरीदें और व्यापारी भारत में बने उत्पाद ही बेचें तो 'आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई ऊर्जा मिलेगी।

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