अब पीक आवर्स में दोगुना किराया वसूल सकेंगे ओला-उबर, सरकार ने दी मंजूरी
जुर्माना किराए के 10 फ़ीसदी तक हो सकता
सरकार ने ओला, उबर, रैपिडो जैसी सभी कैब सेवाओं को व्यस्त समय में दोगुना किराया वसूलने की अनुमति दी है।
नई दिल्ली। सरकार ने ओला, उबर, रैपिडो जैसी सभी कैब सेवाओं को व्यस्त समय में दोगुना किराया वसूलने की अनुमति दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2025 के लिए एक जुलाई को जारी मोटर वाहन एग्रिगेटर दिशा निर्देशिका में इस आशय की अनुमति प्रदान की है। राज्य सरकारें इसके आधार पर अपने नियम अलग बना सकती हैं और इसके लिए उन्हें 3 महीने का समय दिया गया है।
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, एग्रीगेटर्स को गैर-व्यस्त समय के दौरान बेस किराया से कम से कम 50 प्रतिशत कम चार्ज करना आवश्यक है। इन दिशा निर्देंशों के अनुसार अब ये कैब एग्रीगेटर्स पीक टाइम में बेस किराया का दोगुना तक किराया वसूल सकते हैं, जबकि पहले ये सीमा 1.5 गुना तक थी। दिशा- निर्देशों में आगे कहा गया है कि मोटर वाहनों की संबंधित श्रेणी या वर्ग के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किराया एग्रीगेटर से सेवाएं लेने वाले यात्रियों से लिया जाने वाला बेस किराया होगा।
कैब सेवा के लिए नए दिशा निर्देशों में व्यस्त समय में कैब किराया दोगुना तक लेने के साथ ही उन्हें गैर व्यस्त समय में किराया कम करने का भी निर्देश है। दिशा निर्देश के अनुसार बेस किराया कम से कम तीन किलोमीटर का हो सकता है। बिना ठोस कारण राइड कैंसल करने पर ड्राइवर पर जुर्माना लगेगा और ये जुर्माना किराए के 10 फ़ीसदी तक हो सकता है। इसी तरह से यात्रियों पर भी बिना वजह राइड कैंसल करने पर जुर्माना लगेगा और ड्राइवर को कम से कम पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।
संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, एग्रीगेटर के साथ जुड़े मोटर वाहन के साथ चालक को लागू किराए का कम से कम 80 प्रतिशत प्राप्त करने का अधिकार है, जिसमें चालक के किराए के अंतर्गत आने वाली सभी लागतें शामिल हैं। शेष भाग एग्रीगेटर द्वारा विभाजित किराए के रूप में रखा जा सकता है। इसमें यह भी कहा गया है, ‘किसी भी यात्री से डेड माइलेज के लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा, सिवाय इसके कि सवारी का लाभ उठाने के लिए दूरी 3 किलोमीटर से कम हो और किराया केवल यात्रा के आरंभ स्थान से गंतव्य तक लिया जाएगा, जहां यात्री को छोड़ा जाता है।”

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