एमवीए में हो सकती है राज ठाकरे की एंट्री, महाराष्ट्र में फिर खेला के मूड में शरद पवार
एमवीए में मनसे की एंट्री से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई
कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद शरद पवार ने संकेत दिया है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को महाविकास आघाड़ी में शामिल किया जा सकता है। बीएमसी चुनाव एकजुट होकर लड़ने की वकालत से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, जिससे बीजेपी को नई रणनीति बनानी पड़ सकती है।
मुंबई। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) में राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को एंट्री मिल सकती है। कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने एमवीए-एमएनएस गठबंधन की वकालत की है। पवार के इस रुख के सामने आने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है। सूत्रों का कहना है कि शरद पवार चाहते हैं कि मुंबई बीएमसी चुनाव महाविकास अघाड़ी के तौर पर लड़ा जाना चाहिए। उनका कहना है कि जब सभी पार्टियां एक साथ आकर वोटर लिस्ट में कन्फ्यूजन के खिलाफ मार्च निकालती हैं, तो वे चुनाव अलग-अलग क्यों लड़ रहे हैं। अगर एमवीए के घटक दल और मनसे के साथ मिलकर लड़ते हैं तो विपक्षी वोट एकजुट होगा, हालांकि कुछ उत्तर भारतीय वोट छिटक सकते हैं, ऐसे में बीजेपी को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ सकती है।
ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने पर पवार पॉजिटिव
शरद पवार का यह रुख ऐसे वक्त पर सामने आया है जब कांग्रेस मुंबई बीएमसी चुनावों में अकेले उतरने का ऐलान कर चुकी है। कुछ ऐसा ही ऐलान अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी ने भी किया है। शरद पवार ने मुंबई बीएमसी चुनावों को लेकर ठाकरे ब्रदर्स के साथ आने को लेकर पॉजिटिव हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि पवार की राय है कि बीएमसी चुनाव एमवीए के तौर पर लड़ा जाना चाहिए। गौरतलब हो कि राज ठाकरे भले ही अजित पवार को निशाने पर लेते हैं लेकिन उन्होंने शरद पवार के खिलाफ कोई उलटी टिप्पणी नहीं की है।
शरद पवार ने की थी एमवीए की रचना
बिहार चुनाव नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा था कि पार्टी मुंबई में अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा था कि पार्टी 227 सीटों पर कैंडिडेट उतारेगी। कांग्रेस के ऐलान ने उद्धव ठाकरे को असहज कर दिया था। उद्धव ठाकरे नहीं चाहते हैं कि मुंबई बीएमसी चुनावों में वोटों का बंटवारा हो। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस प्रभारी चेन्निथला के बयान के बाद शरद पवार और राहुल गांधी से चर्चा की योजना बनाई थी। अब पवार ने यह कहकर बड़ा संकेत दिया है कि जब हम साथ में वोटर लिस्ट के खिलाफ मोर्चा निकालते हैं तो चुनाव अलग क्यों लड़ें? इस बड़ा बयान माना जा रहा है। गौरतलब हो कि एमवीए की रचना का श्रेय शरद पवार को ही है। जिसके चलते ही 2019 में बीजेपी को विपक्ष में बैठना पड़ा था और उद्धव ठाकरे सीएम बने थे।

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