निचली अदालत से ज़मानत मिलने के बाद भी केजरीवाल को लगा झटका, हाईकोर्ट ने ज़मानत पर लगाई रोक
शीर्ष अदालत ने उन्हें दो जून को जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने का भी निर्देश दिया था, जिसका उन्होंने पालन किया था। केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति -2021-22 में कथित घोटाले में ईडी ने 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था।
नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत ने जमानत दी थी, लेकिन ईडी ने केजरीवाल की रिहाई को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। जहां जमानत के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट से रोक के बाद केजरीवाल की रिहाई पर अभी रोक रहेगी।
अवकाशकालीन न्यायाधीश नियाय बिंदू ने केजरीवाल और केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें दो दिनों तक सुनने के बाद कल देर शाम जमानत संबंधी अपना आदेश पारित किया। आदेश पारित होने के बाद ईडी ने जमानत को चुनौती देने की दलील देते हुए अदालत से अनुरोध किया था कि जमानत बांड पर हस्ताक्षर को 48 घंटे के लिए टाला जा सकता है, लेकिन न्यायाधीश ने ईडी की इस गुहार को ठुकराते हुए आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि जमानत बांड कल ड्यूटी जज के सामने पेश किया जाना है। उच्चतम न्यायालय ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार में भाग लेने ने के लिए 10 मई को एक जून तक की अंतिम जमानत दी थी। शीर्ष अदालत ने उन्हें दो जून को जेल प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने का भी निर्देश दिया था, जिसका उन्होंने पालन किया था। केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति -2021-22 में कथित घोटाले में ईडी ने 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था।
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