हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था की रिपोर्ट बेहद चिंताजनक : सरकारी स्कूल बंद करने पर तुली सरकार, सैलजा ने कहा- स्कूलों में छात्रों की संख्या 10 से भी कम
लड़कों का ड्रॉपआउट रेट ढाई गुना अधिक है
प्रदेश में 14,338 सरकारी स्कूलों में अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जहां महंगे प्राइवेट स्कूल गरीब परिवारों की पहुंच से बाहर हैं।
चंडीगढ़। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था की रिपोर्ट बेहद चिंताजनक है और प्रदेश के 450 सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 10 से भी कम रह गयी है, जबकि 1,066 स्कूलों में केवल एक शिक्षक कार्यरत है। सैलजा ने कहा कि यह स्थिति शिक्षा प्रणाली की गंभीर विफलता को दर्शाती है और सवाल खड़ा करती है कि क्या सरकार धीरे-धीरे सरकारी स्कूलों को बंद करने की नीति पर चल रही है। रिपोर्ट के अनुसार लड़कियों की तुलना में लड़कों का ड्रॉपआउट रेट ढाई गुना अधिक है। प्रदेश में 14,338 सरकारी स्कूलों में अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जहां महंगे प्राइवेट स्कूल गरीब परिवारों की पहुंच से बाहर हैं।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में 1,21,020 स्वीकृत शिक्षकों के पदों में से 16,840 रिक्त हैं। सरकार बार-बार इन पदों को भरने का दावा करती है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। सैलजा ने कहा कि यह नीतियां सरकारी शिक्षा व्यवस्था को हाशिये पर धकेल रही हैं और इससे भविष्य में सरकारी स्कूलों के बंद होने का खतरा बढ़ सकता है।

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