साल भर रात-दिन फहरा सकते हैं तिरंगा

सरकार ने किए नियमों में बदलाव

साल भर रात-दिन फहरा सकते हैं तिरंगा

भारत सरकार द्वारा घोषित किए गए नए नियम के अनुसार एक आम भारतीय नागरिक अपने घर पर चौबीस घंटे यानी दिन-रात राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। घर के साथ ही नागरिक अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, कार्यालयों पर भी चौबीस घंटे झंडा लहरा सकता है।

नई दिल्ली। स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर 13 से 15 अगस्त तक चला ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भले ही समाप्त हो गया हो। लेकिन जिन लोगों को अपने घर या फिर दफ्तर पर राष्ट्रीय ध्वज को आगे भी फहराना है, वह नियमों का पालन करते हुए इसे फहरा सकते हैं। इसके लिए केंद्र  सरकार ने तिरंगा फहराने के नियमों में कई अहम बदलाव किए हैं। जिसके तहत साल भर रात और दिन में झंडा फहराया जा सकेगा। संशोधन से पहले सूर्योदय से सूर्यास्तक तक, केवल हाथ से बना हुआ या काता हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना झंडा ही फहराया जा सकता था।

भारत सरकार द्वारा घोषित किए गए नए नियम के अनुसार एक आम भारतीय नागरिक अपने घर पर चौबीस घंटे यानी दिन-रात राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। घर के साथ ही नागरिक अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, कार्यालयों पर भी चौबीस घंटे झंडा लहरा सकता है। इसके लिए भारतीय ध्वज संहिता 2002 में बदलाव किया गया है। भारतीय ध्वज संहिता में तिरंगे से जुड़े नियम व कानून बताए गए हैं। 

झंडे पर कुछ भी लिखना मना 
तिरंगे झंडे पर कुछ भी लिखना या बनाना गैरकानूनी है। साथ ही किसी भी गाड़ी या वाहन के पिछले हिस्से में तिरंगा नहीं रखा या बनाया जा सकता है। किसी भी बिल्डिंग या सामान को ढंकने के लिए तिरंगे का प्रयोग वर्जित है, तिरंगा फहराते वक्त यह यह ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगा किसी भी हाल में जमीन को ना छुए। वहीं तिरंगे को किसी भी तरह की सजावट के लिए इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी भी तरह की ड्रेस या यूनीफॉर्म के लिए नहीं होना चाहिए,  वहीं किसी और झंडे को तिरंगे से ऊंचा फहराने पर भी मनाही है।

तिरंगे को फोल्ड करने को लेकर ये हैं नियम
झंडे को फहराने के साथ साथ उसे फोल्ड करने को लेकर भी कुछ नियम हैं। झंडे को फोल्ड करते वक्त उसे पट या क्षैतिज अवस्था में रखें, फिर पहले इस तरह से मोड़ें कि, केसरिया और हरे पट्टी के बीच सफेद पट्टी हो, उसके बाद  फोल्ड को इस तरह करें कि, दोनों पट्टियों के बीच में केवल अशोक चक्र दिखाई दे। इसके बाद झंडे को दोनों हथोलियों पर रखते हुए सुरक्षित स्थान पर रखें।

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