तेलंगाना में मुख्यमंत्री और अल्लू अर्जुन में टकराव
प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर एक दूसरे पर हमले कर रहे
जानकारों का कहना है कि सारा मामला कहीं न कहीं राजनीति से जुड़ा हुआ है।
दक्षिण के तेलंगाना प्रदेश में इन दिनों राज्य के मुख्यमत्री रेवंत रेड्डी और तेलुगु फिल्मों के बड़े अभिनेता अल्लू अर्जुन के बीच खुल्म खुल्ला ऐसा टकराव चल रहा है, जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा, दोनों प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं, सोशल मीडिया के जरिए भी एक दूसरे पर आरोप लगाए रहे हैं सारा मामला अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा-2 से जुड़ा हुआ है, यह फिल्म एक ब्लाक बस्टर फिल्म के रूप में उभरी है तथा बड़ी कमाई कर रही है, यह तेलुगु के साथ हिंदी तथा कुछ अन्य दक्षिण की भाषाओं में भी बनी है। अल्लू अर्जुन इस फिल्म के लगातार प्रचार में जुटे हुए हैं, इसी सिलसिले में इसी महीने की 4 तारीख को हैदराबाद में एक प्रमोशन इवेंट का आयोजन एक स्थानीय सिनेमा घर में किया गया था, अर्जुन इस इवेंट में आए थे, इसमें यह फिल्म भी दिखाई जाने वाली थी। चूंकि अल्लू अर्जुन एक बहुत लोकप्रिय अभिनेता हैं इसलिए उनकी झलक पाने के लिए भारी भीड़ जुटी थी। सिनेमा घर के अन्दर तो लोग थे ही इसके अलावा बाहर भी बड़ी संख्या में उनके चाहने वाले भी खड़े थे।
वहां धक्का मुक्की का माहौल था, कुछ पुलिस वाले भी भीड़ को संभालने में लगे थे, अचानक वहां भगदड़ मच गई, जिसमें एक 39 वर्षीय महिला की मृत्यु हो गई तथा उसके साथ आया उसका बच्चा भी गंभीर रूप से घायल हो गया, जब यह घटना हुई उस समय अर्जुन सिनेमा घर में दर्शकों का मनोरंजन कर रहे थे। इस घटना के बाद दो तरह का विवरण सामने आया है, उस समय राजधानी में विधान सभा का सत्र चल रहा था, घटना को दर्दनाक हादसा बताते हुए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि भगदड़ में एक महिला की मृत्यु की जानकारी होने के बाद भी अल्लू अर्जुन ने अपना कार्यक्रम जारी रखा, जबकि अल्लू अर्जुन का कहना था कि ज्यों ही उन्हें घटना का पता लगा, उन्होंने तुरंत अपना कार्यक्रम खत्म कर दिया। रेवंत रेड्डी का कहना है कि आयोजकों ने न तो इस कार्यक्रम की अनुमति ली और न ही इसके आयोजन की जानकारी दी, अगर जानकारी होती तो पुलिस की समुचित व्यवस्था की जा सकती थी और यह हादसा रूक सकता था, चूंकि यह एक गंभीर घटना थी इसलिए पुलिस ने तुरंत सिनेमा घर के प्रबंधन और अल्लू अर्जुन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया, कुछ ही घंटों बाद उनको गिरफ्तार भी कर लिया गया।
अर्जुन ने इसके के खिलाफ हाई कोर्ट में गुहार लगाई, उन्हें जमानत भी मिल गई, लेकिन जमानत के कागज देर से जेल पहुंचे इसलिए उन्हें रात जेल में ही गुजारनी पड़ी और अगले दिन सवेरे रिहा किया गया। इसके बाद आरोपों का सिलसिला शुरू हुआ। रेवंत रेड्डी ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके अल्लू रेड्डी की खुल कर आलोचना की, यहां तक कहा कि वे बिलकुल भी संवेदनशील नहीं हैं, उधर अर्जुन का कहना था कि उनका इस घटना में कतई हाथ नहीं है और सारी कारवाई बदले की भावना से की जा रही है। अगले ही दिन से सत्तारूढ़ कांग्रेस दल के लोगों ने अर्जुन के घर के बहार धरना प्रदर्शन शुरू कर दिए, विधान सभा में भी मामला फिर उठा, जहां मुख्य विपक्षी दल भारत राष्टÑ समिति के सदस्यों ने अल्लू अर्जुन का बचाव किया।
सरकार ने अपनी ओर से घोषणा की कि मृतका के बच्चे के इलाज का सारा खर्च वह उठाएगी, सिनेमाघर के प्रबंधन ने अपनी ओर से मृतका के परिवार को 50 लाख रूपये देने की बात कही। अल्लू अर्जुन ने भी अपनी ओर से 25 लाख रूपये देने का जानकारी दी। जानकारों का कहना है कि सारा मामला कहीं न कहीं राजनीति से जुड़ा हुआ है, हालांकि अल्लू अर्जुन किसी पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं पर वे बीजेपी के नजदीकी माने जाते हैं, उनके कई करीबी रिश्तेदार बीजेपी के साथ हैं या उसके समर्थक हैं, अल्लू अर्जुन प्रसिद्ध फिल्म निदेशक अरविन्द अर्जुन के बेटे हैं, अरविन्द अर्जुन की बहिन की शादी तेलुगु फिल्म सुपर स्टार चिरंजीवी के साथ हुई थी, चिरंजीवी कभी बीजेपी के साथ रहे हैं, चिरंजीवी के छोटे भाई पवन कल्याण भी फिल्म अभिनेता हैं, उन्होंने आन्ध्र प्रदेश में अपनी जनसेना पार्टी बनाई हुई है, इस पार्टी ने तेलुगु देशम और बीजेपी के गठबंधन के साथ मिलकर वहां विधान सभा का चुनाव लड़ा था, इस गठबंधन के सत्ता में आने के बाद पवन कल्याण को उप मुख्यमंत्री बना दिया गया।
यह लेखक के अपने विचार हैं।
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