भीषण गर्मी में स्वयं के साथ बेजुबानों का भी रखें ध्यान
यूपी और बिहार भी लू की चपेट में
राजस्थान और हरियाणा ही नहीं पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है।
राजस्थान और हरियाणा ही नहीं पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। यूपी और बिहार भी लू की चपेट में हैं। इधर दिल्ली में भी गर्मी से बुरा हाल है। गर्मी को देखते हुए मौसम विभाग समय-समय पर हाई अलर्ट जारी करता रहता है। हमें इन अलर्ट्स को लेकर विशेष ध्यान बरतना चाहिए और मौसम विभाग के दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य करना चाहिए। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि पंजाब से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के उत्तरी गंगीय क्षेत्र से होते हुए उत्तरी बांग्लादेश तक एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है तथा दक्षिण गुजरात से सटे उत्तर-पूर्व अरब सागर पर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण भी बना हुआ है। सच तो यह है कि उत्तर-पश्चिम भारत से लेकर पूर्व, मध्य और दक्षिण भारत तक में बदलते मौसम का कहर देखने को मिल रहा है। हमें गर्मी से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहना चाहिए, हल्के रंग के ढ़ीले और सूती कपड़े पहनने चाहिए, धूप से बचना चाहिए, खाली पेट घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और घर और आफिस में ठंडे स्थान पर रहना चाहिए। भीषण गर्मी के इस मौसम में हम अपना और अपने परिवार का ही नहीं अपितु जीव-जंतुओं का भी पूरा ध्यान रखें।
वास्तव में जहां पक्षियों की आवाजाही अधिक रहती है, वहां पेड़ों पर हम पानी के परिंडे लगाएं, उनके लिए पानी के सकोरों की व्यवस्था करें। इतना ही नहीं हम पक्षियों के लिए दाने के लिए पात्र रखवाएं तथा पशुओं के लिए पानी की खेलियां रखवाकर उनमें प्रतिदिन पानी की व्यवस्था रखें, क्यों कि बेजुबान पशु-पक्षी मनुष्य की तरह बोलकर अपनी भावनाओं को प्रकट नहीं कर सकते हैं।
हमें ही पशु-पक्षियों की व्यथा,उनके भोजन-पानी आदि को समझना होगा, महसूस करना होगा। पशु, पक्षी और मनुष्य तीनों सचेतन जीव हैं, जिनके अपने-अपने जीवन के उद्देश्य होते हैं। पक्षी भी सहज प्रवृत्ति से जीवन जीते हैं, लेकिन उनमें भी अपनी तरह की बुद्धि होती है। इसलिए पशु-पक्षियों का संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य बन जाता है। बहरहाल, आज धरती का तापमान निरंतर बढ़ता चला जा रहा है और भीषण गर्मी के कारण मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों का जीवन भी असहनीय हो चला है। ऐसे मौसम में किसी भी व्यक्ति को घुटन महसूस हो सकती है या अचानक तबियत खराब हो सकती है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क स्थापित करना चाहिए और अपना इलाज कराना चाहिए अथवा मेडिकल परामर्श लेना चाहिए।
भीषण गर्मी के मौसम में हमें कुछ एहतियात बरतने की आवश्यकता है। हमें यह चाहिए कि हम घर और आफिस में वेंटीलेशन पर पर्याप्त ध्यान दें। गर्मी के इस मौसम में मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर का प्रयोग कम करे, हमें इससे सावधान रहने की जरूरत है। भीषण गर्मी के मौसम में हमें दही, मट्ठा, बेल का जूस आदि ठंडे पेय पदार्थों का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। आने वाले दिनों में 47 से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ते तापमान और क्यूम्यलस बादलों की उपस्थिति के कारण अधिकांश क्षेत्रों में दमघोंटू माहौल होने के कारण, कुछ चेतावनियां और सावधानियां जारी की गईं हैं।
नागरिक सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा बताया गया है कि भीषण गर्मी में कारों में से गैस सामग्री, लाइटर, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, सामान्यत इत्र और उपकरण बैटरियां आदि को हटा दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, कार की खिड़कियां थोड़ी खुली होनी चाहिए तथा कार के फ्यूल टैंक को पूरा नहीं भरा जाना चाहिए। जानकारी दी गई है कि कार आदि में शाम के समय ईंधन भरा जाना चाहिए। साथ ही कार के टायरों को ज्यादा नहीं भरा जाना चाहिए, खासकर यात्रा के दौरान। इस मौसम में हमें खूब पानी और तरल पदार्थ पीने चाहिए, तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम गैस सिलेंडर को धूप में न रखें। साथ ही साथ हम यह भी सुनिश्चित करें कि बिजली मीटरों पर अधिक भार न बढ़ने पाए और एयर कंडीशनर का उपयोग केवल घर के व्यस्त क्षेत्रों में करें, विशेषकर अत्यधिक गर्मी के समय में। साथ ही दो तीन घंटे के बाद इन इलैक्ट्रोनिक उपकरणों को कम से कम 30 मिनिट्स का रेस्ट जरूर दें।
गर्मी के इस मौसम में हमें सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए, खासकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच। तो आइए भीषण गर्मी के इस मौसम में हम स्वयं भी गर्मी से बचें और पशु-पक्षियों को भी गर्मी से बचाने के लिए कृत संकल्पित हों। हमारे छोटे छोटे प्रयासों और जागरूकता से बहुत कुछ संभव हो सकता है।
-सुनील कुमार महला
यह लेखक के अपने विचार हैं।

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