राजनीतिक दांवपेच के चलते नहीं हो पायी RPSC चेयरमैन की नियुक्ति
सीनियर मेम्बर डॉ. राठौड़ को सौंपा चार्ज
जयपुर। राजनीतिक दांवपेच के चलते राजस्थान लोक सेवा आयोग के नए अध्यक्ष का अटक गया। इसके चलते राज्य सरकार ने भी फिलहाल कुछ दिनों के लिए इस नियुक्ति को टाल दिया और राज्य सरकार ने गुरुवार को राजस्थान लोक सेवा आयोग के वरिष्ठतम सदस्य डॉ. शिवसिंह राठौड़ को अध्यक्ष पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया। राज्यपाल कलराज मिश्र से मंजूरी मिलने के बाद कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर दिए। आयोग के अध्यक्ष पद पर कार्यरत डॉ. भूपेन्द्र सिंह का कार्यकाल बुधवार को पूरा होने पर वह सेवानिवृत्त हो गए। इस पद के लिए वरिष्ठ आईपीएस अफसरों के साथ ही कुछ आईएएस अफसरों ने भी लॉबिंग की थी। कुछ गैर अधिकारियों ने भी प्रेशर पॉलिटिक्स की राजनीति चलाई थी। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बुधवार की देर शाम तक इस पद पर किसी न किसी की नियुक्ति हो जाएगी, लेकिन देर रात तक किसी के आदेश नहीं हो पाए थे। आखिरकार राज्य सरकार ने वरिष्ठतम सदस्य डॉ. राठौड़ को कार्यभार सौंपने का निर्णय लिया और पत्रावली को राजभवन भेजा, जहां से सुबह की मंजूरी मिल गई। डॉ. राठौड़ आयोग के वरिष्ठतम मेम्बर है और परम्परा के अनुसार उन्हें चार्ज सौंपा गया है। वह 31 अक्टूबर 2016 से आयोग के सदस्य है। राठौड़ का कार्यकाल भी 29 जनवरी को पूरा होने जा रहा है।
ऐसा आठवीं बार हुआ:
राजस्थान लोक सेवा आयोग के 72 साल के इतिहास में ऐसा आठवीं बार हुआ है, जब अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई और वरिष्ठतम सदस्य को कार्यभार सौंपा गया। आयोग की स्थापना 20 अगस्त 1949 को हुई थी। सबसे पहले चार दिसम्बर 1958 को वरिष्ठतम सदस्य एलएल जोशी को अध्यक्ष पर का कार्यभार सौंपा गया था। उसके बाद 28 नवम्बर 1989 को एससी सिंगारिया, 26 मार्च 2004 को एसएस टांक, चार जुलाई 2006 को एचएन मीणा, 21 अगस्त 2012 को हबीब खान गोरान, 24 सितम्बर 2014 को आरडी सैनी और 11 जुलाई 2017 को श्यामसुन्दर शर्मा को अध्यक्ष का कार्यभार सौंपा जा चुका है।
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